नहीं भरे चेहरे और पीठ के घाव, 12वीं के छात्र पर ब्लेड से हुआ था हमला; 60 से अधिक आए थे टांके
दिल्ली के रोहिणी में एक छात्रा पर हुए हमले के बाद पीड़िता के शारीरिक और मानसिक घाव अभी तक नहीं भरे हैं। परिवार चिंतित है क्योंकि हमलावर खुलेआम घूम रही हैं जिससे बेटी की सुरक्षा का डर बना हुआ है। पुलिस ने आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया लेकिन उन्हें माता-पिता को सौंप दिया गया।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में रोहिणी सेक्टर-20 स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय के बाहर 12वीं की छात्रा पर ब्लेड से हमला मामले को करीब एक महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक किशोरी के चेहरे और पीठ के जख्म नहीं भरे हैं।
पीड़ित परिवार का कहना है कि घाव इतने गहरे थे कि उसे सही होने में अभी और समय लगेगा। पीड़िता का इलाज जारी है। छह महीने बाद पीड़िता के चेहरे पर हुए घाव के निशान का डाक्टर प्लास्टिक सर्जरी करेंगे।
किशोरी के पिता ने कहा कि शरीर के घाव तो समय के साथ भर जाएंगे, लेकिन जो घाव उनके बेटी और मन, मष्तिष्क पर लगा है वो कैसे भरेंगे। आज भी पीड़िता डरी और सहमी रहती है। वह दिन याद कर आज भी रोने लगती है।
आगे पिता बताते हैं कि सभी हमलावर छात्राएं खुलेआम घूम रही हैं, पीड़िता के भविष्य के सपने अब डर के साये में डूब गए हैं, पुलिस के पकड़े जाने के बाद सभी आरोपितों को किशोर न्याय बोर्ड ने उनके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया है।
सुरक्षा को लेकर लगता है डर
पिता का कहना है कि हाल ही में उनकी बेटी का परीक्षा शुरू हुआ है। ऐसे में वह अपने साथ स्कूल परीक्षा के लिए लेकर गए थे। लेकिन अभी भी वह स्कूल जाने से डरती है। हमलावर अभी भी खुलेआम घूम रही हैं, अक्सर स्कूल के गेट के बाहर और उनके घर के पास देखे जाते हैं, जिससे उन्हें अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर डर लगता है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि वह अपनी बेटियों को हर संभव आगे की पढ़ाई कराएंगे, इसके लिए वह हर तरीके से तैयार हैं। जो डर उनकी बेटी के मन में बैठ चुका है, उसे निकालना काफी मुश्किल है।
एफआइआर के मुताबिक, पीड़िता नौ सितंबर को रोहिणी में स्कूल से घर लौट रही थी, तभी कई लड़कियों ने उसपर ब्लेड से हमला कर दिया। इस दौरान बाकी लड़कियों ने उसे घेर लिया, उसे पकड़ लिया और मारपीट में शामिल हो गईं। लड़की के चेहरे, बाएं कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्से पर गहरे घाव हो गए।
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एफआइआर में बताया गया है कि पीड़िता को पहले भी कुछ लड़कियों द्वारा गाली-गलौज और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद ही आरोपित लड़कियों को कार्रवाई के लिए किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया। बाद में बोर्ड ने उन्हें उनके माता-पिता को सौंप दिया।
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