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    दिल्ली में भी शुरू होंगे आयुष्मान आरोग्य मंदिर, बीते 9 सालों में एक भी नहीं खुल पाया; BJP सरकार से जगी उम्मीदें

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 04:22 PM (IST)

    राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत दिल्ली में पिछले नौ सालों से एक भी आयुष आयुष्मान आरोग्य मंदिर नहीं खुल पाया है क्योंकि पिछली सरकार ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। केंद्र सरकार ने राज्यों को करोड़ों रुपये आवंटित किए लेकिन दिल्ली ने फंड की मांग ही नहीं की। अब नई सरकार ने प्रयास तेज किए हैं और आयुष मंत्रालय ने सकारात्मक रुख दिखाया है।

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    दिल्ली में भी शुरू होंगे आयुष के आयुष्मान आरोग्य मंदिर।

    स्वदेश कुमार, नई दिल्ली। राष्ट्रीय आयुष मिशन साल 2014 में शुरू हुआ था। इसके तहत ही देशभर में आयुष आयुष्मान आरोग्य मंदिर चल रहे हैं। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी पिछले नौ सालों से मिशन के तहत मिलने वाले फंड से वंचित है। यहां एक भी आयुष आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू नहीं हो पाया है।

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    इसका कारण है कि पिछली सरकार ने इस आयुष को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और यही वजह है कि दिल्ली में आयुष के आरोग्य मंदिर भी स्थापित नहीं हो पाए। लेकिन अब दिल्ली में सरकार बदल चुकी है। मौजूदा सरकार ने आयुष के आरोग्य मंदिर की शुरुआत के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। सरकार की तरफ से आयुष मंत्रालय को प्रस्ताव दिया जा चुका है। आयुष मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया है।

    आयुष मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्रीय आयुष मंत्रालय की तरफ से आयुष आयुष्मान आरोग्य मंदिर सहित विभिन्न गतिविधियों के लिए पिछले 11 सालों में 5,670.82 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा जारी किया गया है। शुरुआत में दिल्ली सरकार ने रुचि दिखाई थी।

    दिल्ली को 2014 से 2016 के बीच आयुष डिस्पेंसरियों व अस्पतालों में दवाओं, सुविधाओं को बढ़ाने और अन्य कार्यों के लिए 8.59 करोड़ रुपये का फंड भी जारी हुआ था। इसमें से 7.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए। बाकी वापस आ गए। 2016 के बाद से यानी करीब नौ सालों तक राज्य सरकार ने आयुष मिशन के तहत फंड की मांग ही नहीं की।

    आयुष मिशन के तहत मार्च 2020 में देशभर में आयुष आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनने की शुरुआत हुई। लक्ष्य 12,500 आरोग्य मंदिर बनाने का था, जिसे पूरा किया जा चुका है। लेकिन दिल्ली के हिस्से में आयुष का एक भी आरोग्य मंदिर नहीं आया।

    राजस्थान में सबसे अधिक 2019 आरोग्य मंदिर चल रहे हैं। इसके बाद 1,034 की संख्या के साथ उप्र दूसरे स्थान पर है। इसी तरह से अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इनका संचालन हो रहा है। लेकिन दिल्ली और लद्दाख ऐसे केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां इनकी शुरुआत नहीं हो पाई है।

    अधिकारियों के मुताबिक पिछली सरकार ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर को शुरू करने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसी वजह से इसके लिए विभाग तक का गठन नहीं हुआ। अब रेखा गुप्ता सरकार ने विभाग गठन की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    दिल्ली सरकार के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) को लेकर चर्चा शुरू हुई है। इस पर नीति आयोग से भी बातचीत हो चुकी है। अभी हम लोग अपने लक्ष्य तक पहुंच चुके हैं। इसे बढ़ाया जा सकता है। लेकिन यह स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार जितने आयुष आरोग्य मंदिर (आयुष) चाहेगी, उसे उतने उपलब्ध कराए जाएंगे। - डॉ. कविता जैन, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय

    आयुष के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में क्या है खास

    इनमें आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी पद्धति से मरीजों का उपचार किया जाता है। इसमें चिकित्सक के साथ योग प्रशिक्षक और आशा वर्कर होते हैं। कई राज्यों में ये काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।