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    'दिल्ली में कांवड़ यात्रा के दौरान बंद रखें मांस बिक्री की दुकानें', मेयर राजा इकबाल सिंह की मालिकों से अपील

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 06:23 AM (IST)

    दिल्ली में कावड़ यात्रा के दौरान महापौर ने मांस की दुकानें बंद रखने की अपील की है। निगम सदन में आप के हंगामे के कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी। महापौर ने आप सरकार पर कर्मियों को पक्का करने के वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया। एमसीडी ने मनोनीत पार्षदों को विकास निधि देने का प्रस्ताव पारित किया है और समितियों के नियमों में संशोधन किया गया है।

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    कावंड मार्ग पर स्वत: ही बंद रखें मांस की दुकानें: राजा इकबाल सिंह।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में कावंड यात्रा के दौरान इस मार्ग पर पड़ने वाली मांस बिक्री की दुकानों के मालिकों से महापौर राजा इकबाल सिंह ने अपील की है कि स्वत: ही नागरिक इसमें सहयोग करें। महापौर ने कहा कि दिल्ली वासी सभी एक साथ मिलकर रहते हैं। एक दूसरे त्योहार को दिल्लीवासी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इसलिए जरुरी कि सावन मांस में कावंड यात्रा के दौरान प्रमुख मार्गों पर मांस बिक्री की दुकानें बंद रखें।

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    महापौर ने बताया कि निगम सदन की बैठक को भाजपा संचालित करना चाहती थी लेकिन विपक्षी आम आदमी पार्टी ने हल्ला किया और सदन की कार्रवाई में व्यवधान डालने की कोशिश की । इसकी वजह से बैठक को पहले 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

    उन्होंने कहा कि आप के पास मुद्दे नहीं है इसलिए वह कर्मचारियों को पक्का करने के नाम पर सदन में हंगामा कर रही थी। मैं आप नेताओं से पूछना चाहता हूं कि 2013 में 2015 में आप की सरकार जब दिल्ली में बनी तो सभी अनुबंधित और ठेके पर काम करने वाले कर्मियों को पक्का करने का वादा अरविंद केजरीवाल ने किया था। कितने लोगों को पक्का किया आप नेताओं को यह बताना चाहिए।

    महापौर ने कहा कि आप के पार्षदों ने नेता सदन को एजेंडा लेने से रोकने का प्रयास किया लेकिन हमने हंगामे के बीच एजेंडा पास करा दिया ताकि जनता के काम न रुके। महापौर ने कहा कि कई जनहित के प्रस्तावों को सदन में मंजूर किया गया है।

    नेता सदन प्रवेश वाही ने कहा कि फैक्ट्री लाइसेंस पर राहत दिल्लीवासियों के लिए बड़ी राहत है। निगम और दिल्ली की सरकार बहुत कम समय में जनता की समस्याओं को दूर करने का कार्य कर रही है। वहीं, स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि निगम की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है लेकिन आप नेता काम नहीं हंगामा करने पर विश्वास रखते हैं। इसलिए ढाई साल में इन्होंने दिल्ली को 20 साल पीछे कर दिया।

    वहीं, नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि आप सरकार ने 12 हजार कर्मियों को नियमित करने का प्रस्ताव पारित किया था लेकिन अभी तक भाजपा ने कर्मियों को पक्का नहीं कर रही है। 200-200 कर्मचारी पक्के हर माह किए जा रहे हैं ऐसे में तो सभी कर्मचारियों को पक्का करने में कई वर्ष लग जाएंगे।

    मनोनीत पार्षदों को मिलेगा पार्षद फंड

    एमसीडी ने 10 मनोनीत सदस्यों को भी पार्षदों की तरह विकास निधि देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसके तहत जैसे पार्षदों को विकास कार्य के लिए फंड मिलता है वैसा ही मनोनीत सदस्यों को मिलेगा। इस फंड का उपयोग मनोनीत सदस्य अपने जोन में विभिन्न वार्डों में विकास कार्यों के लिए उपयोग कर सकेंगे। इसका लाभ यह होगा कि पार्षद के साथ ही मनोनीत पार्षदों का भी फंड दिल्ली के विकास में लग सकेगा। निगम के इस निर्णय का मनोनीत सदस्य मनोज जैन ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लिया गया निर्णय दिल्ली नगर निगम के कामों में तेजी लाने में सहयोगी होगा।

    महापौर ने छोड़ी समितियां, अब पार्षद बनेंगे चेयरमैन

    निगम ने समितियों के गठन और चेयरमैन बनाने को लेकर नियमों में संशोधन की मंजूरी दे दी है। चार ऐसी समितियां जिनमें महापौर और उप महापौर पदेन चेयरमैन होते थे उनमें अब सामान्य पार्षद चेयरमैन बन सकेंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा पार्षदों को तदर्थ और विशेष समिति में चेयरमैन बनने का अवसर मिलेगा। कुल 25 समितियां हैं इसमें चार समितियों के नियमों में संशोधन किया गया है। इसें खेल कूद प्रोत्साहन समिति में

    उप महापौर पदेन होते थे, आश्वासन समिति, मलेरिया समिति में उपमहापौर पदेन होते थे जबकि महापौर शिकायत निवारण समिति में पदेन चेयरमैन होते थे। अब इन समितियों में पार्दष चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बन सकेंगे।

    कूड़ा उठाने के लिए टेंडर करने लिए सदन ने दी प्रशासनिक अनुमति

    पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी जोन में कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों के टेंडर खत्म होने के बाद नए सिरे से इनके टेंडर करने के प्रस्ताव को निगम सदन ने प्रशासनिक अनुमति दे दी है। इन जोन में जो टेंडर चल रहे हैं उनकी समय-सीमा खत्म हो गई है। खास तौर पर मध्य और पश्चिमी जोन में इसमें सफाई को लेकर काफी दिक्कते हो रही है।

    इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद निगम टेंडर आमंत्रित कर सकेगा। इसके बाद स्थायी समिति से टेंडरों को अनुमति मिल जाएगी। निगम यह कार्य करीब दो वर्ष से नहीं कर पा रहा था क्योंकि स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ था। चूंकि अब समिति का गठन हो गया है तो इन टेंडरों को सफल किया जा सकेगा।

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