हवाई यात्रियों से लेकर इंद्रलोक तक... हर इलाके में जाम से निजात दिलाने की दिल्ली सरकार ने की तैयारी
दिल्ली सरकार ने शहर में यातायात की समस्या को कम करने के लिए नौ बड़ी परियोजनाओं पर काम करने की योजना बनाई है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इन परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अध्ययन शुरू कर दिया है जिसके लिए 19 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इन परियोजनाओं में एलिवेटेड कॉरिडोर और फ्लाईओवर का निर्माण शामिल है जिससे हवाई अड्डे और अन्य क्षेत्रों में यातायात सुगम होगा।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली की भाजपा सरकार ने जनता को जाम ने निजात दिलाने के लिए ढांचा के विकास के मामले में कदम आगे बढ़ाते हुए नौ बड़ी परियोजनाओं को एक साल में जमीन पर उतार देने की योजना बनाई है। हवाई यात्रियों से लेकर इंद्रलोक तक हर इलाके में जाम से निजात दिलाने की तैयारी है।
सरकार के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने तत्परता दिखाते हुए इन परियोजनाओं पर काम शुरू करने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के लिए टेंडर जारी कर दिया है। इस कार्य पर 19 करोड़ की राशि खर्च करने के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है। परियाेजनाओं के लिए सड़कों के कुल 67 किलोमीटर भाग का व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा।
यह कार्य पूरा हाेने के साथ ही इन परियोजनाओं के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया जाएगा, जिसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। यहां गौरतलब यह भी है कि दैनिक जागरण समय समय पर जाम वाले इन इलाकों का मुद्दा उठाता रहा है।
इन परियोजनाओं पर होना है काम
हरियाणा की मुनक नहर से इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन तक एलिवेटेड कारिडोर के लिए सड़क के 20 किलोमीटर भाग का अध्ययन कराया जाएगा। इस कारिडोर विकास परियोजना का उद्देश्य पश्चिमी यमुना नहर के किनारे एक एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण करना है, जिसके साथ-साथ नहर के अग्र भाग को भी बेहतर बनाने के लिए विकास कार्य भी किया जाएगा। यह विकास कार्य स्थानीय कला, संस्कृति और विरासत से प्रेरित होगा।
आइजीआई जाने वालों को राहत देने की तैयारी
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे जाने वाले लोगों को राहत प्रदान करने के लिए, विभाग एनएसजी मुख्यालय के पास मुख्य पहुंच मार्ग और जंक्शन पर भीड़भाड़ कम करने की योजना बना रहा है। योजना में कहा गया है कि "यह निर्धारित करने के लिए 2 किलोमीटर सड़ृक भाग का एक व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा कि क्या अंडरपास, फ्लाईओवर या दोनों का निर्माण भीड़भाड़ कम करने के लिए किया जा सकता है। इस सड़क से दिल्ली, आइजीआइ हवाई अड्डे और गुरुग्राम जाने वाले यातायात का आवागमन होगा।
जाम मुक्त होगा नजफगढ़-फिरनी मार्ग
नजफगढ़-फिरनी मार्ग को पिछली आप सरकार ने प्रस्तावित किया था, मगर उस समय योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। यह योजना फिर से अस्तित्व में आ गई है। इस कारिडोर पर, अध्ययन दो अलग-अलग सड़कों की भीड़भाड़ कम करने पर केंद्रित होगा: नजफगढ़-फिरनी रोड से एनएच-48 (कापसहेड़ा के पास) तक का क्षेत्र और पुरानी दिल्ली-गुड़ग्राम रोड का एक हिस्सा भी शामिल है। इस पूरे 20 किलोमीटर के हिस्से में कुल 15 ट्रैफ़िक सिग्नल हैं, जिनमें से अधिकांश प्रमुख चौराहों और उच्च जनसंख्या घनत्व या महत्वपूर्ण पैदल यात्री गतिविधि वाले क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से स्थित हैं।
लोक निर्माण विभाग ने शिवाजी मार्ग पर ज़खीरा क्रॉसिंग से करमपुरा फ्लाईओवर तक 2.2 किलोमीटर लंबे हिस्से का अध्ययन करने का भी आदेश दिया है। यह हिस्सा पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर, कीर्ति नगर, पटेल नगर और करमपुरा इलाकों में यातायात की आवाजाही के लिए क्षेत्रीय रूप से महत्वपूर्ण है।
हिंद विहार के पास रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी)
दिल्ली-रोहतक रेलवे लाइन के ऊपर किराड़ी में हिंद विहार के पास सूखी नहर क्रासिंग पर रेलवे आेवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण, इसके तहत करीब 1 किमी इलाके में अध्ययन किया जाना है। मौजूदा सड़क जहां आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है, यहां पर नांगलोई/रोहतक की ओर 25 मीटर का अधिकार क्षेत्र है जबकि रेलवे ट्रैक के दूसरी ओर, सेक्टर 20-21, रोहिणी की ओर चौड़ाई केवल 12 मीटर है।
डीबी गुप्ता रोड परियोजना के व्यवहार्यता अध्ययन में हुआ बदलाव
पहाड़गंज इलाके से गुजरने वाले देश बंधु (डीबी) गुप्ता रोड पर प्रमुख लालबत्ती पर फ्लाईओवर बनाने की योजना है। इस परियोजना के लिए व्यवहार्यता अध्ययन में नया तथ्य यह जोड़ा गया है कि इस मार्ग पर पहले के 2 किलोमीटर भाग की जगह अब 7 किलोमीटर भाग का अध्ययन होगा। इसके अलावा सोनिया विहार एलिवेटेड कारिडोर के लिए 6 किलाेमीटर भाग का अध्ययन, आइटीओ के लाला रामचरण अग्रवाल चाैक पर फ्लाईओवर के लिए 4 किलोमीटर और इसी तरह शादीपुर डिपो चौराहे अंडरपास के लिए 4 किलोमीटर का अध्ययन इसमें शामिल है।
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