मुंडका बक्करवाला टोल प्लाजा कूच बुधवार तक के लिए टला, प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री से करेगा बात
मुंडका बक्करवाला टोल प्लाजा को हटाने की मांग को लेकर बुलाई गई महापंचायत में टोल प्लाजा कूच को फिलहाल टाल दिया गया है। दिल्ली देहात के लोगों ने सरकार को चेतावनी दी कि उनके सब्र को कमजोरी न समझा जाए। निर्णय लिया गया कि एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मिलेगा और अपनी बात रखेगा। ऐसा न होने पर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। अर्बन एक्सटेंशन रोड 2 पर मुंडका बक्करवाला टोल को खत्म किए जाने की मांग के लिए रविवार को आहूत टोल प्लाजा कूच को बुधवार तक के लिए फिलहाल टाल दिया गया है। बक्करवाला गांव में आयोजित महापंचायत में दो टूक कहा गया कि दिल्ली देहात को टोल देना मंजूर नहीं है। हमारे सब्र को सरकार हमारी कमजोरी नहीं समझे। टोल से मुक्ति के लिए जो भी जरुरी समझा जाएगा, वह किया जाएगा।
महापंचायत ने निर्णय लिया कि बुधवार को दिल्ली देहात का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मुलाकात कर, इस मसले पर सीधे अपनी बात रखेगा। यदि बात बनी तो ठीक, अन्यथा महापंचायत टोल को लेकर आगे क्या करना है, यह सर्वसम्मति से तय कर इस आंदोलन को अपनी बात मनवाने के अंजाम तक पहुंचाएगी।
रविवार को बक्करवाला गांव के सामुदायिक भवन में न सिर्फ दिल्ली देहात के कोने कोने से बल्कि कई कालोनियों से भी लोग पहुंचे। अधिकांश लोगों का जत्था टोल के रास्ते गांव में दाखिल हुआ। टोल कूच की घोषणा को देखते हुए टोल के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तमाम तरह के इंतजाम के साथ मौजूद नजर आए। यहां संदिग्ध लोगों से पुलिस पूछताछ करती भी दिखी।
गांव एकता जिंदाबाद के नारे के साथ ग्रामीण महापंचायत स्थल की ओर जाते रहे। पालम 360 के प्रधान तथा महापंचायत के संयोजक चौ. सुरेंद्र सोलंकी के पहुंचते ही महापंचायत शुरू हुई। चौ सुरेंद्र सोलंकी ने साफ साफ कहा कि महापंचायत के मंच में जो भी अपनी बात रखेगा, वह दलगत राजनीति की बात नहीं करेगा। यहां दिल्ली देहात की बात होगी। टोल से मुक्ति कैसे मिले, इस पर अपनी बात सभी रखें।
महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि सरकार बहरी हो चुकी है। हमलोग इतने दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रही है। अब समय शांतिपूर्ण तरीके से ही सही लेकिन अपनी ताकत दिखाने का है। हमें टोल की ओर बढ़ना चाहिए। पुलिस की गिरफ्तारी या जेल जाने से भी हमलोग नहीं डरते। चौ सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि यदि सरकार के नुमाइंदे हमारे बीच नहीं आएंगे तो टोल कूच से भी हम पीछे नहीं हटेंगे।
टोल कूच को लेकर बात हो ही रही थी कि मुंडका से विधायक गजेंद्र दराल व मटियाला से विधायक संदीप सहरावत महापंचायत में पहुंचे। दोनों ने कहा कि पार्टी के कार्यक्रम में सांसद योगेंद्र चंदोलिया व कमलजीत सहरावत व्यस्त हैं, इसलिए दोनों यहां पर नहीं आए। गजेंद्र दराल ने महापंचायत में यूईआर को लेकर केंद्र सरकार के काम की जैसे ही तारीफ शुरू की, लोगों ने सख्त आपत्ति जता दी।
चौ सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि आपको यहां सरकार की उपलब्धि बयां करने नहीं बल्कि टोल से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात कहने के लिए बुलाया गया है। चौ सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि सड़क के उदघाटन के समय आपने इंटरनेट मीडिया पर कहा कि सरकार सवा साल तक यहां टोल नहीं लगाएगी, लेकिन अगले ही दिन टोल लगना शुरू हो गया। इस पर गजेंद्र दराल ने अपनी गलती मानी। बोले, मुझे नहीं पता था कि सरकार इतनी जल्दी यहां नोटिफिकेशन लगाएगी।
दो गांव को नहीं पूरे दिल्ली देहात को मिले मुक्ति
महापंचायत में विधायक गजेंद्र दराल व संदीप सहरावत ने कहा कि टोल के मसले पर दोनों अपने अपने सांसदों के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं। उन्हें इस भावना से अवगत करा दिया गया है कि देहात को टोल देना मंजूर नहीं है। पहले यह तय किया गया कि जिन दो गांवों की जमीन टोल निर्माण में ली गई है, उन्हें टोल से मुक्त करा दिया जाए। लेकिन इस पर बात नहीं बनी।
अब महापंचायत स्वयं यह तय करे कि आसपास के किस किस गांव को टोल मुक्त करना है। विधायकों की इस बात पर यहां कहा गया कि पूरी दिल्ली देहात को मुक्त किया जाए। कुछ वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली देहात ही क्यों गांव से सटी कालोनियों को भी टोल से मुक्ति मिलनी चाहिए।
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