दिल्ली में यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के पास फिर दिखा तेंदुआ, दहशत में ग्रामीणों ने घर से बाहर निकलना छोड़ा
बाहरी दिल्ली के यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुए की मौजूदगी से लोगों में दहशत है। वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा और कैमरे लगाए हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। ग्रामीणों ने विभाग पर सुस्ती का आरोप लगाया है। पिछले साल तेंदुए ने जगतपुर गांव में कई लोगों पर हमला कर दिया था जिससे लोगों में डर का माहौल है।

धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। तेंदुआ होने की पुष्टि के बाद यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क, जगतपुर और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ती जा रही हैं।
भय के कारण ग्रामीण खेत जाने से भी कतरा रहे हैं। इस बीच वन विभाग ने तेंदुए की तलाश में यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में एक पिंजरा लगाया है और छह कैमरे (ट्रैप) लगाए हैं।
अभी तक कैमरों में तेंदुए की कोई गतिविधि कैद नहीं हो सकी है। तेंदुआ अंतिम बार 24 जून को कैमरे में कैद हुआ था। पांच दिन पहले एक किसान के खेत में तेंदुए के पंजों के निशान देखे गए हैं।
ग्रामीणों का आरोप, सिर्फ कैमरा ही लगाया गया है
ग्रामीणों ने वन विभाग पर सुस्ती का आरोप लगाया और बताया कि पिंजरा तो लगा दिया, लेकिन उसे अभी तक सक्रिय नहीं किया गया है।
क्षेत्र में तेंदुए की गतिविधि पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने तीन दिन पहले यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क की मुख्य पगडंडी के किनारे अलग-अलग स्थानों पर छह कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।
13 जुलाई को विभाग ने इसी पगडंडी किनारे पिंजरा भी लगाया है। इससे पहले दो जुलाई को पिंजरा लगाया था, जिसेअगले दिन हटा लिया गया था। पिछले 72 घंटे में तेंदुए की मूवमेंट नजर नहीं आई है।
17 जुलाई को देखे गए थे तेंदुए के पैरों के निशान
17 जुलाई को किसान महफूज अली के खेत में तेंदुए के पंजे के निशान देखे गए। महफूज अली ने पंजों के निशान के फोटो और वीडियो बनाकर वन विभाग के अधिकारियों को भेज दिए हैं।
वन्य जीव प्रेमी हेमंत गर्ग ने जून महीने में अपना निजी कैमरा ट्रैप किसान महफूज अली के खेत में लगाया था, तब 15 और 24 जून की रात तेंदुए के फोटो कैमरे में कैद हुए थे।
ये फोटो वन विभाग व यमुना बायोडावर्सिटी प्रशासन के पास भेजे गए, तब विभाग ने पहली बार तेंदुए की उपस्थिति दर्ज को स्वीकार किया। ग्रामीण जनवरी से तेंदुए की मौजूदगी की बात कहते रहे हैं।
पिछले वर्ष तेंदुए ने छह लोगों पर बोला था हमला
ग्रामीण हरि प्रधान, सुदेश, चौधरी राजबीर, महफूज अली का कहना है कि पिछले साल मार्च में तेंदुए ने जगतपुर गांव के छह-सात ग्रामीणों को घायल कर दिया था।
लोगों का कहना है कि विभाग ने पिंजरा लगवा दिया, लेकिन सक्रिय नहीं किया गया है। तेंदुए को लाने के लिए पिंजरे में कुछ नहीं रखा गया है। ऐसे खाली पिंजरे में तेंदुआ भला कैसे आएगा।
वन विभाग 24 घंटे और सातों दिन निगरानी कर रहा है। पूरी टीम को सक्रिय कर दिया गया है। पिंजरा लगाने और आगे की कार्रवाई के कुछ प्रोटोकाॅल हैं, उसी के अनुसार विभाग चल रहा है। हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
- चेष्टा, डिप्टी कंजरवेटर फोरेस्ट, मध्य क्षेत्र, वन विभाग
यमुना क्षेत्र में डेढ़ साल में तीसरी बार दिखा तेंदुआ
यमुना नदी किनारे व आसपास के क्षेत्र में पिछले डेढ़ साल के दौरान तेंदुआ दिखने की यह तीसरी घटना है। 13 दिसंबर 2023 को अलीपुर के पास जीटी करनाल रोड पर घूम रहा तेंदुआ सड़क हादसे का शिकार हो गया था।
अज्ञात वाहन की चपेट में आने से तेंदुए की मौत हो गई थी। इसके बाद एक अप्रैल 2024 को एक तेंदुआ जगतपुर गांव में घुस गया था और घंटेभर गलियों में दौड़ते हुए छह-सात ग्रामीणों पर हमला कर दिया था।
जब ग्रामीणों ने पीछा किया तो वह एक घर में घुस गया। बाद में वन विभाग ने रेस्क्यू कर असोला भाटी अभ्यारण्य में छोड़ दिया था। तीसरी बार इस क्षेत्र में अब तेंदुआ दिखाई दिया है।
और पीछे जाएं तो, राजधानी के उत्तरी जिले में यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में पहली बार वर्ष 2016 में तेंदुआ नजर आया था। उसे वन विभाग ने पकड़ लिया था।
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