रिश्वतखोरी के आरोपों से IRTS अधिकारी रवि मोहन शर्मा बरी, रेलवे स्टेशन के सुपरवाइजर को मिली जमानत
राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने 2014 के रिश्वतखोरी मामले में आईआरटीएस अधिकारी रवि मोहन शर्मा और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा। रवि मोहन शर्मा पर रेलवे कोच किराये पर उपलब्ध कराने के लिए रिश्वत लेने का आरोप था। अन्य मामले में आरोपी विनीत कुमार को जमानत मिली जिस पर रिश्वत लेने का आरोप था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने रिश्वतखोरी से जुड़े एक मामले में आईआरटीएस अधिकारी रवि मोहन शर्मा समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
विशेष न्यायाधीश सुधांशु कौशिक ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा।
अदालत ने फोन काॅल इंटरसेप्शन, बरामदगी और ट्रैप की प्रक्रिया समेत सभी साक्ष्यों को अपर्याप्त मानते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और आईपीसी की धाराओं से बरी कर दिया।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वर्ष 1997 बैच के आईआरटीएस अधिकारी व तत्कालीन निदेशक (ट्रैफिक ट्रांसपोर्टेशन) रवि मोहन शर्मा ने रेलवे कोच किराये पर उपलब्ध कराने में मदद के एवज में पांच लाख रपये रिश्वत ली थी।
यह रिश्वत टूर ऑपरेटर कंपनी एमएस रेल टूर इंडिया एलएलपी और उसके साझेदार राजेश चंपकलाल जोधानी व कुमार वदीलाल शाह से ली गई बताई गई थी।
सीबीआई का आरोप था कि रिश्वत की राशि हवाला चैनल से लाई गई थी। सीबीआई ने अदालत को बताया कि 22 अक्टूबर, 2014 को रवि मोहन शर्मा के दिल्ली आवास पर जाल बिछाकर उन्हें रंगे हाथ पकड़ा गया।
रिश्वतखोरी मामले में आरोपी को मिली जमानत
राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तार आरोपी विनीत कुमार उर्फ बिट्टू को 50 हजार के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक जमानती पर नियमित जमानत दे दी।
विशेष न्यायाधीश एमपी सिंह ने कहा कि अभियोजन पक्ष की जांच में उसकी जेल में निरंतर कैद से कोई उपयोगी मदद नहीं मिलेगी।
मामला 30 अगस्त को दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़ा है। शिकायतकर्ता प्रदीप बौद्ध ने आरोप लगाया था कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कॉमर्शियल सुपरवाइजर अंकित बठला हर पार्सल पर 10 रुपये की रिश्वत मांगता था।
30 अगस्त को सीबीआई ने ट्रैप बिछाया और बठला के कहने पर रिश्वत की रकम 8500 रुपये लेते हुए आरोपित विनीत कुमार को पकड़ लिया गया।
सीबीआई ने अदालत में जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित ने लोकसेवक के लिए रिश्वत ली और अगर रिहा हुआ तो गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
वहीं बचाव पक्ष ने दलील दी कि सभी दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस पहले ही जब्त हो चुके हैं, आरोपी का पासपोर्ट नहीं है, वह परिवार का इकलौता कमाने वाला है और अब तक जांच में सहयोग करता रहा है।
यह भी पढ़ें- नंदू गैंग पर दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, गैंगस्टर कपिल सांगवान पर लगाया मकोका; संपत्तियां कीं जब्त
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।