नंदू गैंग पर दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, गैंगस्टर कपिल सांगवान पर लगाया मकोका; संपत्तियां कीं जब्त
दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के गिरोह पर मकोका के तहत मामला दर्ज किया है। गिरोह रंगदारी और गोलीबारी जैसी घटनाओं में शामिल था जिससे दिल्ली-एनसीआर में दहशत का माहौल था। पुलिस ने गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया है और करोड़ों की संपत्ति जब्त की है। नंदू फिलहाल फरार है और इंटरपोल की मदद से उसकी गिरफ्तारी की तैयारी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने राजधानी और पड़ोसी राज्यों में सक्रिय कुख्यात गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू अपराध सिंडिकेट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया है।
हाल के दिनों में द्वारका, पश्चिमी और आउटर दिल्ली में फिरौती काल और गोलीबारी की घटनाएं बढ़ने के बाद एंटी गैंग स्क्वाॅड की टीम ने विशेष जांच कर गैंग के शूटर, उनके मददगार और साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने गैंग के अवैध रूप से अर्जित करोड़ों रुपये की संपत्ति व नकदी के साथ हथियार भी बरामद किए। जांच के दौरान अब तक गिरोह के नौ बड़े सदस्य जेल भेजे जा चुके हैं जबकि सरगना कपिल सांगवान उर्फ नंदू पर रेड काॅर्नर नोटिस जारी कर इंटरपोल की मदद से गिरफ्तारी की तैयारी है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) सुरेंद्र कुमार के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में नंदू गिरोह ने रंगदारी वसूलने के लिए दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में कारोबारियों को निशाना बनाया। द्वारका, उत्तम नगर, बिंदापुर, काकरोला, मोहन गार्डन समेत कई जगहों पर फायरिंग कर खौफ फैलाया गया।
खासकर 2021 से 2024 के बीच गाड़ियों में सवार शूटरों ने जेडीएम बिल्डर्स, गगन भारती स्कूल, तिलक नगर की मिठाई की दुकान और संपत्ति विवाद वाले कई ठिकानों पर गोलियां बरसाईं। पंचकूला में प्रतिद्वंद्वी गैंग के तीन सदस्यों की हत्या तक कर दी गई।
उपायुक्त हर्ष इंदौरा के नेतृत्व और मंगेश कश्यप की निगरानी में क्राइम ब्रांच ने महीनों तक गिरोह के नेटवर्क, पैसों के स्रोत और शूटर्स की पहचान पर काम किया।
अब तक रितिक उर्फ पीटर, रोहित शर्मा उर्फ अन्ना, सचिन चिक्कारा, ज्योति प्रकाश उर्फ बाबा, विजय गहलोत, साहिल उर्फ पोली, विकास गहलोत, अमरदीप लोचाब समेत नौ अहम सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
ये सभी हत्या, रंगदारी और हथियारबंद हमलों के कई मामलों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने इनके ठिकानों से अवैध पिस्टल, लाखों की नकदी और उगाही के पैसे के लेन-देन के सुबूत भी जब्त किए हैं।
नंदू ने 2015 से संगठित गिरोह खड़ा किया
कपिल सांगवान उर्फ नंदू नजफगढ़ का रहने वाला है। उसके पिता पूर्व सैन्यकर्मी थे जबकि बड़ा भाई ज्योति प्रकाश उर्फ बाबा हत्या और रंगदारी के मामलों में जेल में बंद है।
नंदू ने 2015 से संगठित गिरोह खड़ा किया और प्रतिद्वंद्वी गैंगों से बदला लेने और अवैध कमाई के लिए हिंसक वारदातें शुरू कीं। वर्तमान में वह ब्रिटेन में छिपा हुआ है। उसके खिलाफ भगोड़ा घोषित करने के साथ-साथ धारा 356 बीएनएसएस के तहत अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया जा रहा है।
इन वारदातों को दिया अंजाम
- 2015 में मंजीत महल गिरोह से प्रतिशोध के तहत हत्या और गुरुग्राम में कार डकैती की।
- 2016 में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों और उनके परिजनों की हत्या, साथ ही गुरुग्राम में फाॅर्च्यूनर कार की लूट की।
- 2017 में गिरफ्तार होने के बाद नंदू 2019 में पैरोल पर बाहर आया और फरार हो गया।
- 2021–22 में दिल्ली में प्रापर्टी डीलरों और व्यापारियों से करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी और गोलीबारी कराई।
- 2023 में उत्तम नगर और मोहन गार्डन में गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिसमें एक प्राॅपर्टी डीलर की हत्या भी हुई।
- 2024 में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में गोलीबारी व तिहरे हत्याकांड में गिरोह की संलिप्तता सामने आई।
कई संपत्तियों की पहचान कर किया जब्त
जांच में पता चला कि गिरोह ने रंगदारी, भूमि विवाद और अवैध हथियारों के जरिए करोड़ों रुपये की संपत्तियां अर्जित कीं। इन पैसों का इस्तेमाल गिरोह के शूटरों को भुगतान, सुरक्षित ठिकानों और हथियारों की खरीद में किया जाता था। पुलिस ने कई संपत्तियों की पहचान कर उन्हें जब्त किया है। इसके अलावा मकोका के तहत अपराध की आय की पहचान और कुर्की के लिए जांच चल रही है।
गिरोह के इन बदमाशों को किया गया गिरफ्तार
- रितिक उर्फ पीटर उर्फ बाबा: मुख्य शूटर, जिसने जेएमडी बिल्डर के कार्यालय पर गोलीबारी की थी।
- रोहित शर्मा उर्फ अन्ना: लक्ष्यों की पहचान करता था और प्रतिद्वंद्वी सुरेंद्र मटियाला की हत्या में शामिल रहा।
- सचिन छिक्कारा: नंदू का करीबी, जेल से गिरोह संचालन करता रहा।
- ज्योति प्रकाश उर्फ बाबा: नंदू का भाई, जेल से शूटरों की भर्ती करता था।
- नरेश बाल्यान: नवादा गांव का निवासी और पूर्व विधायक, गिरोह को वसूली में मदद करता था।
- विजय गहलोत उर्फ कालू: हिस्ट्रीशीटर, सिंघला स्वीट्स पर गोलीबारी और पंचकूला तिहरे हत्याकांड में शामिल।
- साहिल उर्फ पोली: पुराने साथी के रूप में रंगदारी व गोलीबारी की वारदातों में शामिल रहा।
- विकास गहलोत: गिरोह का सूत्रधार, जिसके पास से 8.5 लाख रुपये और विदेशी पिस्टल बरामद हुई।
- अमरदीप लोचब: गिरोह का वित्तीय प्रबंधक, हवाला लेनदेन और बिल्डरों से वसूली करता था।
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