देश की राजधानी में हैं कितनी औद्योगिक इकाई ? इस सवाल का जवाब तलाशने को Industrial Area का सर्वे कराएगा DPCC
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) राजधानी के सभी औद्योगिक क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराएगा। 32 अधिकृत और 20 अनधिकृत क्षेत्रों में आज तक कोई सर्वे नहीं हुआ है जिससे इकाइयों की संख्या का सही आंकड़ा नहीं है। कई इकाइयां बिना लाइसेंस और सहमति के चल रही हैं। केंद्र सरकार में सूचीबद्ध एजेंसी यह सर्वे करेगी जिसके परिणाम भविष्य की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की नई औद्योगिक नीति के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया के बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) राजधानी के तमाम औद्योगिक क्षेत्रों का सर्वे कराएगा।
डीपीसीसी की बोर्ड बैठक में हुए फैसले के तहत जल्द ही सर्वे का प्रारूप तय कर किसी अधिकृत एजेंसी के साथ करार किया जाएगा। दिल्ली में 32 अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं जबकि 20 अनधिकृत। लेकिन आज तक भी इनमें कोई सर्वे नहीं कराया गया।
आलम यह है कि राजधानी में कितनी औद्योगिक इकाइयां हैं, इसका कोई प्रामाणिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। न ही किसी को यह मालूम है कि यहां अनधिकृत रूप से कितनी औद्योगिक इकाइयां हैं।
डीपीसीसी अधिकारियों के मुताबिक सुनने में आ रहा है कि अधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों में एक बड़ी संख्या में ऐसी इकाइयां चल रही हैं, जिन्होंने न कोई लाइसेंस ले रखा है और न ही डीपीसीसी से कंसेंट यानी संचालन की अनुमति ही ली है।
ऐसे में पर्यावरण की दृष्टि से भी यह सही नहीं है और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की पहलू से भी इसे दिल्ली की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता है।
डीपीसीसी की बोर्ड बैठक के मिनट्स बताते हैं कि इस सर्वे का दायित्व किसी निजी एजेंसी को न देकर केंद्र सरकार में सूचीबद्ध किसी एजेंसी को ही दिया जाएगा। इस दिशा में प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
अनेक एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद किसी एक एजेंसी के करार करके उसे इस सर्वे की जिम्मेदारी दे दी जाएगी।
बताया जाता है कि यह सर्वे एक तय समय सीमा में किया जाएगा। सर्वे के परिणाम पर ही भावी कार्रवाई का स्वरूप फाइनल होगा। सर्वे के परिणाम डीपीसीसी और उद्योग विभाग दोनों के लिए उपयोगी होंगे।
यह चिंताजनक है कि किसी सर्वे के अभाव में अनधिकृत ही नहीं, अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र में भी ढेरों औद्योगिक इकाइयां बिना सरकारी अनुमति के ही चल रही हैं। इनका कोई रिकार्ड नहीं होने से इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो पाती। ऐसे में यह सर्वे महत्वपूर्ण होगा और इसके नतीजे भविष्य का रोड मैप तैयार करने में सहायक साबित होंगे।
- डाॅ अनिल गुप्ता, सदस्य, डीपीसीसी
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