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    दिल्ली में 14 अरब की ऑनलाइन डकैती ... साढ़े चार साल में दिल्लीवालों के बैंक खाते कर दिए खाली

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 08:19 PM (IST)

    दिल्ली में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले साढ़े चार सालों में ठगों ने 14 अरब रुपये उड़ा लिए हैं। वर्ष 2023 में साइबर ठगी का आंकड़ा करीब 2 अरब था जो 2024 में 8 अरब हो गया। सरकार की कोशिशों के बावजूद पुलिस सभी मामलों पर तुरंत कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

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    लगातार बढ़ रहे साइबर ठगी के मामलों को नहीं रोक पा रही पुलिस।

    राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। साइबर ठगी की वारदात पर अंकुश लगाने की सरकारी तंत्र की कोशिशें पूरी तरह नाकाम साबित हो रही हैं। ठग तेजी से लोगों के बैंक खातों पर डाका डाल रहे हैं।

    आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना महामारी के बाद से साइबर ठगी के शिकार लोगों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। आपको हैरानी होगी कि बीते साढ़े चार साल में साइबर ठगों ने लोगों के बैंक खातों से करीब 14 अरब उड़ा लिए।

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    वर्ष 2023 की करीब दो अरब की साइबर ठगी का आंकड़ा 2024 में सवा आठ अरब के पास पहुंच गया। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बीते हफ्ते संसद में ये आंकड़ा पेश किया। एक्सपर्ट की मानें पुलिस न तो बड़े अपराधियों को दबोच पा रही है और न ही ठगे गए रुपये को वापस दिला पाती है।

    एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि पहले रिकवरी दर बहुत कम थी, लेकिन गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने काफी सुधार किया। इस साल से रिकवरी दर करीब 20-25 प्रतिशत तक होने की संभावना हैं।

    2021 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सभी 15 जिले में एक-एक साइबर थाना खोला था। समय से साथ धीरे-धीरे थानों में संसाधन बढ़ाने के साथ ही कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई गई।

    उन्हें साइबर ठगी के मामलों की जांच के लिए प्रशिक्षण दिए गए। तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी साइबर थानों में पुलिसकर्मियों की संख्या कम ही है, जिससे सभी शिकायतों पर पुलिस तुरंत कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

    संसद में पेश आंकड़ों को देखें तो इस साल के छह माह में कुल 184 केस दर्ज किए गए और करीब 71 करोड़ की ठगी की गई। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि जब साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है तब छह माह में इतने कम केस कैसे दर्ज हुए और इतनी कम ठगी कैसे हुई?

    जून में गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में साइबर धोखाधड़ी के पीड़ितों की सुविधा के लिए स्वत: ई जीरो एफआईआर दर्ज करने की सुविधा दी है। ई क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो एफआइआर दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए उसे संबंधित क्षेत्रीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशन को भेज दिया जाता है।

    इसके बाद पीड़ित तीन दिन के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो एफआईआर को नियमित एफआईआर में तब्दील करा सकते हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर की गई शिकायतें स्वत: ई जीरो एफआईआर में तब्दील हो जाती है।

    इसे दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। फिलहाल 10 लाख से अधिक की साइबर धोखाधड़ी के मामलों में पीड़ित को इस सुविधा का लाभ मिल सकता है।

    दिल्ली में पिछले 12 वर्ष ठगी गई रकम 

    वर्ष दर्ज केस ठगी गई रकम
    2014 226 2,63,78,826
    2015 712 6,39,70,233
    2016 550 8,00,00,048
    2017 454 7,39,01,796
    2018 461 7,34,02,732
    2019 795 26,17,38,262
    2020 1687 35,29,91,030
    2021 1630 91,03,84,256
    2022 1545 2,31,23,50,148
    2023 1347 1,83,56,26,648
    2024 1591 8,17,64,85,471
    2025 (30 जून तक)  184 70,64,80,424

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