दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में चल रही 12 अवैध दुकानें सील, प्रशासन ने पहले ही दिया था नोटिस
नई दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में अवैध रूप से चल रही 12 दुकानों को जिला प्रशासन ने सील कर दिया। टेंडर खत्म होने के बाद भी दुकानदार गैरकानूनी तरीके से व्यापार कर रहे थे। कोर्ट के बार-बार नोटिस के बावजूद दुकानें खाली नहीं की गईं जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की। विरोध के बावजूद दुकानें खाली कराकर कोर्ट प्रशासन को सौंप दी गईं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट परिसर में लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रही 12 दुकानों को जिला प्रशासन ने शनिवार को खाली करवाकर सील कर दिया। इन दुकानों को तीस हजारी कोर्ट प्रशासन को सौंप दिया गया है। इन दुकानों के टेंडर कई वर्ष पहले समाप्त हो चुके थे, बावजूद इसके दुकान संचालक गैरकानूनी रूप से व्यापार कर रहे थे।
कोर्ट के द्वारा पिछले पांच वर्षों से बार-बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद दुकानदारों ने दुकानें खाली नहीं की थीं। बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी जब कोई समाधान नहीं निकला, तो कोर्ट ने जिला प्रशासन से इन्हें खाली कराने को कहा।
6 मई को नोटिस देकर दुकान खाली कराने का दिया था आदेश
इसके तहत 6 मई को सभी दुकानदारों को नोटिस जारी कर एक निर्धारित समयावधि में दुकानें खाली करने का आदेश दिया गया था, लेकिन करीब डेढ़ महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके उलट कुछ दुकानदारों ने कोर्ट में कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि दुकानें खाली कराई जाएं।
शनिवार शाम को जिला प्रशासन की टीम, दिल्ली पुलिस और एसडीएम के नेतृत्व में कोर्ट परिसर पहुंची और सभी 12 दुकानों को खाली कर सील कर दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई और कुछ दुकानदारों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। मौके पर तैनात पुलिस बल और एसडीएम की टीम ने स्थिति को नियंत्रित कर शांति बहाल की। इन दुकानों में फोटोकॉपी, जूस, स्टेशनरी और कुछ वकीलों के ऑफिस भी चल रहे थे।
एडीएम का बयान
मध्य दिल्ली के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अतुल पांडे ने बताया कि कोर्ट के निर्देश के अनुसार यह कार्रवाई की गई। कोर्ट लंबे समय से इन दुकानों को खाली कराने का प्रयास कर रहा था। हमने न्यायालय की मांग के अनुसार इन्हें खाली कर सील कर दिया है और दुकानें तीस हजारी प्रशासन को सौंप दी गई है।
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