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    दिल्ली में पार्किंग ठेकेदारों की मनमानी, जुर्माने के बाद भी नहीं लगी लगाम, 100 रुपये तक वसूला जा रहा है शुल्क

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 09:53 PM (IST)

    नई दिल्ली में पार्किंग ठेकेदारों द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली जारी है जिससे लाजपत नगर और करोल बाग जैसे इलाकों में जाम और परेशानी बढ़ रही है। निगम द्वारा जुर्माना लगाने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। पार्किंग कर्मी मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं और माय पार्किंग ऐप का उपयोग नहीं कर रहे हैं।

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    जुर्माने के बाद भी नहीं लगी लगाम, 100 रुपये वसूला जा रहा है शुल्क।

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। पुरानी दिल्ली की विभिन्न पार्किंग में तय शुल्क से ज्यादा शुल्क वसूलने पर निगम द्वारा 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बाद भी दिल्ली में पार्किंग ठेकेदार सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब भी दिल्ली की व्यस्ततम बाजारों में तय शुल्क से ज्यादा पार्किंग का शुल्क वसूलने से लोग परेशान हैं।

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    ऐसी ही स्थिति दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट से लेकर करोल बाग की है। जहां पर न केवल पार्किंग में तय शुल्क से ज्यादा शुल्क वसूला जा रहा है बल्कि एक लेन की पार्किंग में तीन-तीन लेन की पार्किंग लगाई जा रही है। इससे जाम की स्थिति तो उत्पन्न हो ही रही है बल्कि लोगों को परेशानी हो रही है। क्योंकि पार्किंग कर्मी न तो वर्दी में नजर आते हैं और न ही तय नियमों के अनुसार पार्किंग संचालन कर रहे हैं।

    लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट की बात करें तो यहां पर एक पजल पार्किंग है। वहां पर तो निगम के तय शुल्क के अनुसार शुल्क लिया जा रहा है लेकिन सड़कों के दोनों किनारे मार्केट में फिरोज गांधी रोड, वीर सावरकर मार्ग, हल्दीराम के पास सड़क पर एक लेन की पार्किंग तय है लेकिन सड़क पर तीन-तीन लेन की पार्किंग लगी है। जो कि जाम का कारण भी बन रहा है। यहां पर कुछ ही दूरी तय करने के लिए लोगों को 20-30 मिनट का समय लग जाता है। इतना ही नहीं पार्किंग संचालक

    लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए चार पहिया वाहनों का पार्किंग शुल्क 20 रुपये घंटे की बजाय 100 रुपये वसूल रहे हैं। साथ ही पार्किंग की पर्ची पर 100 रुपये पूरे दिन का शुल्क लिखकर पर्ची दी जा रही है।

    दैनिक जागरण की टीम ने भी यहां पर गाड़ी खड़ी की तो 10 मिनट की पार्किंग का 100 रुपये का शुल्क लिया गया। जब तय रेट की पर्ची मांगी गई तो कर्मचारी पर्ची देने से इन्कार कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि चाहे एक घंटे वाहन खड़ा करें या फिर चार घंटे शुल्क तो 100 रुपये ही लगेगा।

    ऐसी ही स्थिति करोल बाग के सरस्वती मार्ग पार्किंग की है। यहां पर वैसे तो पार्किंग का शुल्क 40 रुपये घंटे तय है लेकिन यहां पर भी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर 100 रुपये का शुल्क वसूला जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि दिल्ली भर में एमसीडी का पार्किंग शुल्क 20 रुपये प्रति घंटा है। चार घंटे से अधिक होने पर 24 घंटे के लिए अधिकतम 100 रुपये का शुल्क चार पहिया वाहनों से लेकर का नियम है। हालांकि करोल बाग के गुरुद्वारा रोड, आर्य समाज रोड, अजमल खां रोड और सरस्वती मार्ग पर यह शुल्क 40 रुपये शुरुआती घंटा है। वहीं, इसके बाद पांच घंटे तक 10 रुपये प्रति घंटे का शुल्क लगेगा। 24 घंटे के लिए 300 रुपये का शुल्क है।

    डिवाइस में नहीं उपयोग हो रहा है माय पार्किंग एप

    तय मात्रा से ज्यादा शुल्क लेने का एक कारण यह भी जिस डिवाइस से पार्किंग ठेकेदार पर्ची काट रहे हैं उसमें माय पार्किंग एप का उपयोग नहीं हो रहा है। अपनी मर्जी से पार्किंग डिवाइस में शुल्क डाल रखा है। इससे लोगों को पर्ची पर 100 रुपये का शुल्क दिखाकर भ्रमित किया जा रहा है। जबकि नियमानुसार सभी पार्किंग ठेकेदारों को एमसीडी के माय पार्किंग का एप का इस्तेमाल करना होता है।

    उल्लेखनीय है कि पिछले माह दैनिक जागरण ने पार्किंग शुल्क ज्यादा लेने और नियमों का पालन न करने का मुद्दा उठाया था। इसके बाद निगम ने नियमों का उल्लंघन करने वाले पार्किंग ठेकेदारों पर 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

    हमने कई बार शिकायत एमसीडी उपायुक्त को की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पार्किंग जहां-तहां की जा रही है। एक लेन की अनुमति है तीन-तीन लेन में गाड़िया खड़ी की जा रही है। इससे जाम लगता है और व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान होते हैं। - योगेंद्र डावर, अध्यक्ष, सेंट्रल मार्केट शापकीपर्स एसोसिएशन, लाजपत नगर

    निगम ने पहले ही एडवाइजरी जारी की थी तय शुल्क ही पार्किंग ठेकेदार लें। मामला आपके द्वारा हमारे संज्ञान में लाया गया है। नियमानुसार सख्त और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - सुमित कुमार, प्रवक्ता, एमसीडी

    पार्किंग ठीक तरह से चले इनके पास है जिम्मेदारी

    • मोहित बंसल, उपायुक्त, लाभकारी परियोजना सेल, एमसीडी
    • रवि मीणा, क्षेत्रीय निरीक्षक, करोल बाग जोन, लाभकारी परियोजना सेल, एमसीडी
    • अंकुश, क्षेत्रीय निरीक्षक, मध्य जोन, लाभरकारी परियोजना सेल, एमसीडी