दिल्ली में लोगों को महंगी पड़ रही हाइब्रिड कारें, हरियाणा और यूपी की तरफ कर रहे रुख; सरकार को हो रहा नुकसान
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पुरानी गाड़ियों पर सख्ती है लेकिन हाइब्रिड कारों को बढ़ावा नहीं मिल रहा। रोड टैक्स के कारण दिल्ली में हाइब्रिड कारें महंगी हैं इसलिए लोग उत्तर प्रदेश और हरियाणा से खरीद रहे हैं जहां टैक्स कम या माफ है। इससे दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है क्योंकि लोग पड़ोसी राज्यों में गाड़ियां खरीद रहे हैं।
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। प्रदूषण रोकथाम को लेकर दिल्ली में उम्र पूरी कर चुके वाहनों पर सख्ती हो रही है, लेकिन कम प्रदूषण वाले वाहनों में शामिल हाइब्रिड कारों को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा रोड टैक्स वसूलने से यहां हाइब्रिड कारें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से महंगी हैं।
ऐसे में हाइब्रिड कार खरीदने वाले दिल्ली के लोग खासकर उत्तर प्रदेश की ओर रुख कर रहे हैं, जहां पर सरकार ने 2024 से इन गाड़ियों पर रोड टैक्स माफ कर रखा है। हरियाणा में भी इन पर रोड टैक्स दिल्ली से कम है, ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार को प्रतिमाह 50 करोड़ से अधिक राजस्व की चपत लग रही है।
बता दें कि रोड टैक्स वाहन की कीमत का 10 प्रतिशत होता है जो हाइब्रिड वाहनों के मामले में उत्तर प्रदेश में शून्य है, हरियाणा में पौने सात प्रतिशत और दिल्ली में 10 प्रतिशत है। पड़ोसी राज्य में दिल्ली के लोगों द्वारा 20 लाख की कार खरीदे जाने पर दिल्ली सरकार को जीएसटी और सेस मिलाकर करीब साढ़े पांच लाख की चपत लगती है।
दिल्ली के लोग पड़ोसी राज्यों में हाइब्रिड गाड़ियां खरीद रहे
दिल्ली की नई सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रही है, लेकिन हाइब्रिड कारों पर ध्यान नहीं होने से उसे मिलने वाला राजस्व पड़ोसी राज्यों में जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में हाइब्रिड गाड़ियां महंगी होने के कारण दिल्ली के लोग पड़ोसी राज्यों में यह गाड़ियां खरीद रहे हैं।
गाड़ियां खरीदने के लिए कोई अपना आधार कार्ड पड़ोसी राज्यों में बनवा रहा है तो कोई अपने रिश्तेदारों के नाम पर गाड़ियां खरीद रहा है। परिवहन विशेषज्ञों की मानें तो खासकर गाजियाबाद, बागपत, मेरठ, नोएडा के जिन शोरूम पर पहले हाइब्रिड गाड़ियां एक माह में पांच से छह तक बिक पाती थीं, उन शोरूम पर अब 30 से 35 हाइब्रिड कारें तक बिक रही हैं।
हाइब्रिड कार खरीदने में ढाई से तीन लाख का फायदा
एक अनुमान के अनुसार, दिल्ली के लोगों द्वारा प्रतिमाह लगभग एक हजार हाइब्रिड कारें पड़ोसी राज्यों में खरीदी जा रही हैं। पड़ोसी राज्यों में दिल्ली के लोगों द्वारा हाइब्रिड कार खरीदने का एक कारण यह है कि 20 लाख की हाइब्रिड कार खरीदने में ही उन्हें ढाई से तीन लाख का फायदा हो रहा है। लगभग एक महीने पहले परिवहन के कार्य से जुड़े लोग दिल्ली की नई भाजपा सरकार से मिल चुके हैं और सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करा चुके हैं।
परिवहन विभाग के पूर्व उपायुक्त व परिवहन विशेषज्ञ अनिल छिकारा के अनुसार दिल्ली के लिए हाइब्रिड कार प्रदूषण कम करने के मामले में उपयोगी है, क्योंकि लालबत्ती पर खड़ी होने से लेकर 40 किलोमीटर की स्पीड तक यह कार इलेक्ट्रिक पर चलती है, जिससे कार के चलने में प्रदूषण शून्य होता है और इससे अधिक स्पीड में ही कार पेट्रोल पर जाती है।
उनकी मानें तो दिल्ली में अधिकतर समय यातायात में वाहन 40 की स्पीड पर ही चलते हैं। ऐसे में प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली के लिए ऐसी कारें ज्यादा उपयोगी हैं और चार्जिंग की समस्या नहीं है। इस कार में ईधन का खर्च आधा रहता है, इसलिए भी लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं। दिल्ली सरकार को भी इन कारों पर रोड टैक्स माफ करना चाहिए।
जनवरी से कम होता जा रहा है हाइब्रिड कारों का पंजीकरण
माह | पेट्रोल | डीजल |
---|---|---|
जनवरी | 2060 | 2 |
फरवरी | 1022 | 6 |
मार्च | 1165 | 3 |
अप्रैल | 1388 | 2 |
मई | 1077 | 6 |
जून | 902 | 4 |
यह भी पढ़ेंः उम्र के आधार पर वाहनों पर प्रतिबंध सही नहीं, ईंधन व उत्सर्जन मानकों में सुधार की जरूरत; एक्सपर्ट ने दिए सुझाव
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।