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    यमुना में मूर्ति विसर्जन करने पर भरना पड़ेगा भारी जुर्माना, गणेश उत्सव और दुर्गा पूजा को लेकर गाइडलाइंस जारी

    दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के दौरान यमुना में मूर्ति विसर्जन पर 50000 रुपये जुर्माने का नियम जारी किया है। मूर्तिकारों को प्राकृतिक मिट्टी का उपयोग करने और पीओपी से बचने के लिए कहा गया है। जनता से झीलों और नदियों में विसर्जन न करने का आग्रह किया गया है और विभागों को अस्थायी तालाब बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

    By Kushagra Mishra Edited By: Kushagra Mishra Updated: Wed, 27 Aug 2025 09:46 PM (IST)
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    यमुना में मूर्ति विसर्जन पर भरना पड़ सकता 50 हजार रुपये का जुर्माना। आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के दौरान यमुना में मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इसके लिए पहले से तय नियमों के आधार पर ही एक बार फिर से गाइडलाइंस जारी की हैं।

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    अबकी बार डीपीसीसी ने सभी संबंधित विभागों से सितंबर और अक्टूबर के महीने में साप्ताहिक स्तर पर इसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश भी दिया है।

    गाइडलाइंस के मुताबिक नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (एनएमसीजी) द्वारा 2019 एवं 2021 में जारी आदेश के अनुसार गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार रुपये का पर्यावरण क्षति शुल्क लगाया जाएगा।

    वहीं एनएमसीजी के एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के सेक्शन पांच के अनुसार नदियों को प्रदूषित करने पर एक लाख रुपये जुर्माना, जेल या दोनों की सजा हो सकती है। डीपीसीसी ने मूर्तिकारों व आम लोगों के लिए विसर्जन की गाइडलाइंस जारी की है।

    मूर्तिकारों के लिए नियम

    • मूर्ति बनाने के लिए प्राकृतिक मिट्टी, बायोडिग्रेडेबल मैटीरियल का इस्तेमाल करें।
    • मूर्ति को सजाने के लिए प्राकृतिक रंगों व बायोडिग्रेडेबल मैटीरियल का इस्तेमाल करें।
    • पीओपी की मूर्तियां न बनाएं।

    आम लोगों व आरडब्ल्यूए को यह करना होगा

    • पीओपी की मूर्ति का विसर्जन जोहड़ों, झीलों, तालाबों व नदियों में न करें।
    • जहां तक संभव हो, मूर्ति विसर्जन टब या बाल्टी में करें।
    • पूजा के सामान जैसे फूल, सजावटी सामान विसर्जन से पहले मूर्ति से हटा लें।

    विभागों को करने होंगे ये इंतजाम

    • सिविक एजेंसियां मूर्ति विसर्जन के लिए अस्थाई तालाबों का इंतजाम करें।
    • एमसीडी और दिल्ली पुलिस गाड़ियों को चेक करें, कोई मूर्तियां लेकर यमुना तक न आए।
    • एमसीडी ऐसे मूर्तिकारों पर एक्शन ले, जो बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के मूर्तियां बेच रहे।
    • संबंधित डीएम जुर्माना लगाने के लिए अपने अपने एरिया में टीमें बनाएं।

    क्यों प्रतिबंधित है यमुना में मूर्ति विसर्जन

    मूर्ति विसर्जन की वजह से यमुना के पानी में कई तरह के केमिकल्स जैसे मर्करी, जिंक आक्साइड, क्रोमियम, लेड, कैडमियम आदि घुल जाते हैं। यह जल में रहने वाले जीवों के लिए काफी नुकसानदेह है। इस तरह के पानी की मछलियां जब व्यक्ति खाते हैं तो उनमें कई तरह की बीमारी का खतरा होता है

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