दिल्ली रिश्वत मामले में डॉ. उमाशंकर अम्बरासन को नहीं मिली जमानत, सीबीआई करेगी पूछताछ
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज बेलगावी के निरीक्षण के दौरान रिश्वत लेने के आरोप में डॉ. उमाशंकर अम्बरासन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई। अदालत ने जांच में असहयोग और विरोधाभासी बयानों को आधार बनाया। सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है जिसमें रिश्वत के रूप में पांच लाख रुपये लेने का आरोप है। डॉ. अम्बरासन के बयानों में विरोधाभास पाया गया था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कर्नाटक के बेलगावी स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट देने के एवज में पांच लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई की जांच का सामना कर रहे डॉ. उमाशंकर अम्बरासन की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी।
राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर ने कहा कि आरोपित जमानत पाने के लिए प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने में असफल रहा है।
आरोपित ने जांच में सहयोग नहीं किया
इस संबंध में कोर्ट ने कहा कि आरोपित ने जांच में सहयोग नहीं किया, विरोधाभासी बयान दिए और रुपये की निकासी के जरिये जांच को प्रभावित करने की कोशिश की। कोर्ट ने कहा कि आरोपी डा. उमाशंकर अम्बरासन की गिरफ्तारी से बचाव की कोई ठोस वजह नहीं बनती।
इसलिए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। अदालत ने माना कि आरोपित से सीबीआई की हिरासत में पूछताछ जरूरी है ताकि उसका सुबूतों से आमने-सामने किया जा सके और आपराधिक साजिश के अन्य पहलुओं से भी पर्दाफाश किया जा सके।
अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज
सीबीआई ने डा. तपन कुमार जना, डा. वीडी पाटिल, डा. बीजी देसाई और नेशनल मेडिकल कमीशन के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं और भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (आपराधिक षडयंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी के अनुसार, डाॅ. उमाशंकर अम्बरासन निरीक्षण टीम का हिस्सा थे, जो 20 मई 2025 को बेलगावी स्थित जेएनएमसी कालेज की जांच के लिए भेजी गई थी।
होटल मैरियट के कमरे में पहुंचाए गए रुपये
सीबीआई का आरोप है कि उसी रात, कालेज के डॉक्टर डाॅ. विश्वनाथ ने पांच लाख रुपये नकद एक भूरे रंग के पेपर बैग में भरकर डाॅ. अम्बरासन के होटल मैरियट के कमरे में पहुंचाए।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि आरोपित ने 21 मई को बेलगावी की सीबीआई शाखा में अपने खाते में पांच लाख रुपये नकद जमा कराए। मामले में जब आरोपित से पूछताछ की गई तो उन्होंने पहले कहा कि पैसा कोयंबटूर की शाखा में जमा किया गया था।
पहले बोले, साड़ी खरीदने के लिए रुपये लाए थे
सीबीआई ने दलील दी कि होटल की सीसीटीवी फुटेज, गवाह के बयान, बैंक प्रबंधक का बयान और बैंक रिकाॅर्ड ने आरोपित के बयान को झूठा साबित कर दिया।
आरोपित ने पहले कहा कि वह बेलगावी में अपनी पत्नी के लिए साड़ी खरीदने के लिए रुपये लाए थे, लेकिन बाजार बंद होने के कारण खरीदारी न हो सकी और उन्होंने रुपये जमा कर दिए। हालांकि, बैंक को दिए गए पत्र में आरोपित ने इसे व्यापारिक उद्देश्य की रकम बताया।
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