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    पेट्रोल पंप मालिकों पर जुर्माना लगाने के विरुद्ध याचिका, दिल्ली सरकार और सीएक्यूएम को नोटिस जारी

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 03:02 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने पुराने वाहनों को ईंधन न देने के आदेश के खिलाफ पेट्रोल पंप मालिकों की याचिका पर दिल्ली सरकार और सीएक्यूएम से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पेट्रोल पंप मालिकों के पास कानून लागू करने का अधिकार नहीं है। याचिका में इस आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है।

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    पेट्रोल पंप मालिकों पर जुर्माना लगाने के विरुद्ध याचिका पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उम्र पूरी कर चुके वाहनों को पेट्रोल पंपों से ईंधन न देने के नियम को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को नोटिस जारी कर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। साथ ही, इस मुद्दे पर सुनवाई सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

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    याचिका में आदेशों के खिलाफ दी गई दलील

    दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पेट्रोल पंप मालिकों पर ऐसे आदेश लागू करने का दबाव डाला जा रहा है, जिसके लिए उनके पास कोई कानूनी अधिकार ही नहीं है।

    एसोसिएशन की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं आनंद वर्मा, आद्याशा नंदा और अपूर्व पांडे ने दलील दी कि डीलर्स सीएक्यूएम के निर्देशों का पालन करने के पक्ष में हैं, लेकिन उन पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192 लगाने का कोई औचित्य नहीं है।

    पेट्रोल पंप मालिकों पर लागू नहीं होता मोटर वाहन अधिनियम

    याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि पेट्रोल पंप मालिक केवल निजी संस्थाएं हैं, न कि कोई सरकारी एजेंसी। ऐसे में उनके पास यह कानूनी अधिकार नहीं है कि वह उम्र पूरी कर चुके वाहनों को ईंधन न देने का नियम लागू कर सकें।

    यह जिम्मेदारी राज्य की है और इसे निजी हाथों में नहीं सौंपा जा सकता। याचिका में इस आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है।

    आदेश लागू कराने के लिए बनाई गई प्रवर्तन रणनीति

    गौरतलब है कि सीएक्यूएम ने हाल ही में आदेश जारी किया था कि दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर एक जुलाई से पुराने वाहनों को पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा। इस आदेश के सख्त अनुपालन के लिए परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस और यातायात कर्मियों के साथ मिलकर एक विस्तृत प्रवर्तन योजना बनाई है।

    रोजाना हजारों वाहनों को ईंधन देना चुनौतीपूर्ण

    याचिका में यह भी कहा गया है कि किसी पेट्रोल पंप पर रोजाना औसतन तीन हजार वाहन ईंधन भरवाने आते हैं। इतनी भीड़भाड़ में यह सुनिश्चित करना बेहद मुश्किल है कि कोई पुराना वाहन ईंधन न भरवा सके। इस कारण असावधानी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

    वायु प्रदूषण रोकने के लिए व्यापक कदम जरूरी

    एसोसिएशन ने कोर्ट में यह भी कहा कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

    अकेले पेट्रोल पंप मालिकों को इस जिम्मेदारी में झोंकना तर्कसंगत नहीं है। अब देखना होगा कि हाई कोर्ट इस संवेदनशील मुद्दे पर सितंबर में क्या फैसला सुनाता है।

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