दिल्ली के पहले डबलडेकर फ्लाईओवर के निर्माण पर लगा ब्रेक, 80 पेड़ाें को काटने की अनुमति नहीं मिलने से रुका काम
दिल्ली के पहले डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण पेड़ों की वजह से रुका हुआ है। शहीद मंगल पांडेय रोड पर बन रहे इस फ्लाईओवर के रास्ते में 80 से ज्यादा पेड़ आ रहे हैं जिन्हें हटाने की मंजूरी नहीं मिली है। तीन साल से पेड़ों को हटाने की कोशिश जारी है। फ्लाईओवर बनने से इलाके में जाम की समस्या दूर होगी। यह फ्लाईओवर दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन बना रहा है।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। पेड़ काटने या स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं मिलने से शहीद मंगल पांडेय रोड यानी वजीराबाद रोड पर भजनपुरा के सामने से यमुना विहार तक बनने वाले दिल्ली के पहले डबलडेकर फ्लाईओवर के काम पर ब्रेक लगा गया है।
इस फ्लाईओवर के भजनपुरा और बृजपुरी दोनों तरफ उतरने वाले हिस्सों में कुल मिलाकर 80 से अघिक हरे पेड़ आ रहे हैं। तीन वर्षों से हरे पेड़ों को हटाने की जद्दोजहद चल रही है, मगर अभी तक मंजूरी नहीं मिल सकी है।
इन्हें हटाने की अनुमति मिलने के बाद ही काम में तेजी आ सकेगी। यहां 220 करोड़ रुपये की लागत से 1.4 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। इसके बनने से इस क्षेत्र में जाम की समस्या दूर हो जाएगी।
वजीराबाद राेड पर जाम को कम करने के लिए पिछले सालों में काम हुआ है। जाम वाले भजनपुरा के सामने वाले भाग में पिछले साल एक मंदिर और मजार हटाई गई है।
मगर यहां चल रहे मेट्रो के फेज-चार के तहत मौजपुर से मजलिस पार्क के भाग के काम के चलते लोग आज भी सुबह व शाम ही नहीं कई बाद दिन के अन्य समय भी जाम से जूझते हैं।
अब मेट्रो का काम पूरा होने वाला है और ट्रैक पर ट्रेन का ट्रायल हाे रहा है। मगर फ्लाईओवर के उतरने वाले भागों का काम नहीं हो सका है।
यह मार्ग एक तरफ विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट और दूसरी तरह विधायक अजय महावर के क्षेत्र में आता है। दाेनों भाजपा से विधायक हैं, अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है।
बिष्ट ने कहा कि वह बारे में अपनी सरकार के संपर्क में हैं। वहीं महावर ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर अगले सप्ताह फिर पीडब्ल्यूडी और मेट्रो के अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
कहा कि इस मसले पर वह जल्द ही पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा से भी मिलेंगे और अन्य परियोजनाओं की तरह इस योजना से भी पेड़ों को हटाने की मंजूरी के लिए अनुरोध करेेंगे ।
यह दिल्ली का पहला फ्लाईओवर हाेगा जो डबल डेकर होगा। इसके नीचे वाले भाग में वाहन चल सकेंगे और ऊपर वाले भाग में मेट्रो चलेगी। सड़क के भाग में भी वाहन चलेंगे, ऐसे में लंबी दूरी वाले वाहन फ्लाईओवर का उपयोग कर निकल जाएंगे।
इस परियोजना पर दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन काम कर रहा है। डीएमआरसी दिल्ली सरकार को फ्लाईओवर बनाकर देगी। जिसका पैसा दिल्ली सरकार दे रही है। यह राशि 220 करोड़ तय की की गई है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि एक ही पिलर पर मेट्रो का ट्रैक और फ्लाईओवर दोनों हाेने से परियोजना पर खर्च कम आएगा। फ्लाईओवर तैयार हो जाने के बाद इसका रखरखाव लोक निर्माण विभाग करेगा।
अधिकारी ने कहा कि एक ही पिलर पर दो सेवाओं का प्रयोग सफल होता दिख रहा है। सरकार इस तरह का प्रयोग आने वाले समय में अन्य स्थानों पर भी कर सकती है।
यह डबल डेकर का ऊपरी भाग यानी मेट्रो वाला भाग जमीन से 18.5 मीटर की ऊंचाई पर है और इसके नीचे जमीन से 9.5 मीटर की ऊंचाई पर फ्लाईओवर बन रहा है।
मेट्रो ट्रैक की चौड़ाई जहां 10.5 मीटर है, वहीं तीन-लेन फ्लाईओवर की चौड़ाई 10 मीटर है। पिलर पर गर्डर रखने के साथ साथ स्लैब रखे जाने का काम पूरा हो चुका है। इस कार्य के लिए प्रीकास्ट गर्डर का प्रयोग किया गया है क्योंकि प्रीकास्ट गर्डर पर ट्रैक बिछाने का काम तुरंत किया जा सकता है।
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