बढ़ने वाली है दिल्लीवालों की परेशानी... सड़कों से क्लस्टर बसों के हटने के बाद इसी महीने DTC की 452 बसें भी हटेंगी
दिल्ली में परिवहन मंत्री की घोषणा के बावजूद बसों की संख्या घट रही है जिससे जनता परेशान है। इस महीने लगभग 1000 बसें सड़कों से हट जाएंगी जिससे यात्रियों को और अधिक कठिनाई हो सकती है। परिवहन विभाग की कथित लापरवाही के कारण बसों की कमी हो रही है जबकि सरकार वैकल्पिक इंतजाम करने में विफल रही है। वर्तमान में 6368 बसें चल रही हैं आवश्यकता 11000 बसों की है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: परिवहन मंत्री डाॅ. पंकज सिंह की पर्याप्त बसें उपलब्ध कराने की घोषणा हवा- हवाई साबित हो रही है। दिल्ली में लगातार बसों की संख्या कम हो रही है और जनता की परेशानी बढ़ रही है।
बसों के रूट में अव्यवस्था के कारण भी जनता परेशान हो रही है। एक रूट पर एक साथ तीन-तीन बसें हैं तो किसी रूट पर घंटों तक एक भी बस नहीं होती है।
16 जुलाई से सड़कों से डिम्ट्स की 533 बसें सड़कों से हट गई हैं और अब माह के अंत तक 452 बसें डीटीसी की भी हटने जा रही हैं। यानी इस माह के अंदर तक दिल्ली में करीब 1000 बसें कम हो जाएंगी।
ऐसे में माना जा रहा है कि परिवहन विभाग की अव्यवस्था और लापरपाही के कारण जनता को भारी परेशानी का सामना कर पड़ सकता है।
जनता के लिए सबसे जरूरी काम बसें उपलब्ध कराने के मामले में डीटीसी, परिवहन विभाग और दिल्ली का परिवहन मंत्रालय की गंभीरता नहीं दिख रही है। उम्र पूरी कर चुकी बसें सड़कों से हटने का पूरा शेड्यूल बना हुआ है।
पहले से बसों का हटना तय था, फिर भी नहीं किए इंतजाम
किस माह में डीटीसी की कितनी बसें हटेंगी, यह पहले से तय है। यह भी तय था कि 15 जुलाई को डिम्ट्स की भी 533 बसें सड़काें से हट जाएंगी।
ऐसे में परिवहन मंत्रालय को वैकल्पिक इंतजाम करने की जरूरत थी, लेकिन ऐसा किया नहीं गया। स्थिति पर नजर डालें तो गत जून में 96, मई में 232 और अप्रैल में 111 बसें सड़कों से हटी हैं। तीन माह में 339 बसें सड़कों से उम्र पूरी करने के कारण हटी हैं ।
इससे पहले फरवरी से मार्च तक 793 बसें हटी हैं। जिसमें मार्च में सबसे अधिक 345 बसें थीं। आने वाले समय की बात करें तो सितंबर में 462, अक्टूबर में 84, नवंबर में 15 और दिसंबर में 99 बसें सड़ृकों से हट जाएंगी।
अगले वर्ष तक 1680 बसें हटा ली जाएंगी
इसी तरह अगले वर्ष जनवरी में 57, फरवरी में 20 और मार्च में 2 बसें सड़कें हट जाएंगी। इस तरह कुल 1680 बसें सड़कों से हटेंगी।
जबकि अगले वित्त वर्ष में अप्रैल से मई तक 15 और 10 बसें जून से सितंबर तक और अक्टूबर से दिसंबर तक बची हुईं 4 बसें भी सड़कों से हट जाएंगी। इस तरह कुल 29 बसें सड़कों से हट जाएंगी।
ऐसे में दिल्ली की सड़कों से ये बसें हटने पर सीधा असर यात्रियों पर पड़ेगा। दिल्ली में पहले से बसों की भारी कमी है। रोजाना बसों में करीब 40 लाख लोग बसों में सफर करते हैं।
5383 ही रह जाएंगी, चाहिए 11000 बसें
विशेषज्ञों का कहना है कि इन बसों के हटने से बस स्टैंड्स पर भीड़ और इंतजार दोनों बढ़ेगा। वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर कुल 6368 बसें चल रही हैं।
मगर 533 बसें कम होने से ही अभी 5833 बसें रह गई हैं और माह के अंत तक 5383 बसें ही रह जाएंगी। दिल्ली में करीब 11,000 बसों की जरूरत बताई जाती है।
हालांकि बसों की उपलब्ध संख्या आधी भी नहीं बचेगी। दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि मार्च तक दिल्ली सरकार के बेड़े में 5000 इलेक्ट्रिक बसें हो चुकी होंगी।
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