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    दिल्ली में मानव तस्करी का पुलिस ने किया खुलासा, झारखंड की चार किशोरियां छुड़ाई गईं; जांच में जुटी पुलिस

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 11:00 PM (IST)

    दिल्ली के शकूरपुर में एक प्लेसमेंट एजेंसी पर पुलिस ने छापा मारकर झारखंड की चार किशोरियों को मुक्त कराया। ये किशोरियां घरेलू सहायिका के रूप में काम करने के लिए लाई गई थीं। मानव तस्करी के एक मामले की जांच के दौरान इनका पता चला। एनजीओ के अनुसार कुछ लड़कियों को वेतन भी नहीं दिया जाता था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है।

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    झारखंड और दिल्ली पुलिस ने प्लेसमेंट एजेंसी से चार किशोरी को कराया मुक्त

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। शकूरपुर स्थित एक प्लेसमेंट एजेंसी के आवास से चार किशोरी को झारखंड और दिल्ली पुलिस ने सोमवार को छापेमारी के दौरान मुक्त कराया। सभी किशोरी को घरेलू सहायिका के रूप में काम करने के लिए दिल्ली लाया गया था। पुलिस आरोपितों के खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है।

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    जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023 में झारखंड के साहेबगंज में मानव तस्करी का एक मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान पीड़िता के शकूरपुर में होने का पता चला। जिसके बाद झारखंड पुलिस दिल्ली पहुंची। फिर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की मानव तस्करी विरोधी इकाई की मदद से झारखंड पुलिस ने उस जगह पर छापा मारा। हालांकि उन्हें वह किशोरी तो नहीं मिली, जिसे वह मुक्त कराने आए थे, लेकिन उन्हें चार अन्य किशोरियां मिलीं।

    किशोरी झारखंड के साहेबगंज और गोड्डा जिलों की रहने वाली

    यहां से बरामद 15 से 16 वर्षीय चार किशोरी झारखंड के साहेबगंज और गोड्डा जिलों की रहने वाली हैं। पुलिस अधिकारी के मुताबिक नाबालिगों की मेडिकल जांच और दर्ज बयानों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी मामले का संज्ञान लिया है। संबंधित पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

    दो किशोरी को दो दिन पहले ही झारखंड से दिल्ली लाया

    इस अभियान में पुलिस की मदद करने वाले एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मुक्त कराई गई लड़कियों में से दो किशोरी को दो दिन पहले ही झारखंड से दिल्ली लाया गया था। जबकि अन्य दो-दो साल से लापता थीं। इनमें से दो वर्ष से यहां रह रही किशोरी घरों में घरेलू सहायिकाओं के रूप में काम करती थीं और फिर एजेंट उन्हें कहीं और काम पर ले आए।

    किशोरी को उनके काम के लिए वेतन नहीं दिया जाता था। इसके बजाए, प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक ने कथित तौर पर उनके लिए निर्धारित वेतन भी ले लेता था। पिछले महीने दिल्ली के विभिन्न स्थानों से चार किशोरी को बचाया गया था। वहीं, फरवरी में चार नाबालिगों को बचाया गया और एक कथित तस्कर को गिरफ्तार किया गया था।