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    वर्ष 2023 में बरामद 10 देसी बमों को एनएसजी और बम स्क्वाड ने डिप्यूज कर होलंबी कलां में गाड़ा

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 09:24 PM (IST)

    दिल्ली के होलंबी कलां में 2023 में बरामद 10 देसी बमों को निष्क्रिय कर दिया गया। बम निरोधक दस्ते ने वन विभाग की जमीन पर इन बमों को निष्क्रिय किया। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिन्होंने एक व्यक्ति को फंसाने की साजिश रची थी। जांच में पता चला कि आरोपियों ने पुरानी रंजिश के चलते बम बनाए थे और गड्ढे में दबा दिया था।

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    होलंबी कलां में 10 देसी बम निष्क्रिय किए।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। नरेला औद्योगिक क्षेत्र के होलंबी कलां इलाके में 10 अप्रैल 2023 को मिले दस देशी बम सोमवार को होलंबी कलां स्थित वन विभाग की खाली पड़ी जमीन पर बम निरोधक दस्ते और एनएसजी की टीम ने निष्क्रिय कर दिए।

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    वर्ष 2023 में बम बरामद होने पर बम निरोधक दस्ते ने उसे होलंबी कलां में एक सुरक्षित जगह पर मिट्टी के नीचे दबा दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल जमानत पर हैं। आरोपितों की पहचान दिलीप, शिव कुमार और राजा के रूप में हुई थी।

    बाहरी उत्तरी जिला के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 10 अप्रैल 2023 को जिला के स्पेशल स्टाफ पुलिस को मेट्रो विहार में रहने वाले दिलीप उर्फ बिल्ली के पास देशी बम होने की जानकारी मिली। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने छापेमारी कर दिलीप को पकड़ लिया।

    पूछताछ में उसने बताया कि कुछ दिन पहले इलाके में रहने वाले काशीराम ने उसे एक प्लास्टिक की बाल्टी में दस बम दिए थे और उसे सुरक्षित रखने के लिए कहा था। पुलिस ने काशीराम की तलाश की, लेकिन वह उस समय नहीं मिला।

    पुलिस ने दिलीप के निशानदेही पर जंगल में एक जगह पर खुदाई की, जहां से पुलिस को एक बाल्टी मिली, जिसमें दस देशी बम थे। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दिलीप, राजा और शिव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

    काशीराम को फंसाने के लिए रची थी साजिश

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच के बाद पुलिस टीम को पता चला कि शिव कुमार की काशीराम से पुरानी रंजिश थी। काशीराम के गैर मौजूदगी में शिव कुमार उसके घर पर आता था। जो काशीराम की पत्नी से बातें करता था। जो काशीराम को पसंद नहीं था।

    इसको लेकर काशीराम और शिव कुमार के बीच विवाद चल रहा था। यही कारण है कि शिव ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर देशी बम बनाने की योजना बनाई। फिर बनाए गए बम को एक बाल्टी में रखकर बाल्टी समेत बम गड्ढे में दबा दिए।

    फिर किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। आरोपित शिव चाहता था कि वह काशीराम को इस केस में फंसाकर जेल भेज देगा। लेकिन पूछताछ के दौरान काशीराम को फंसाने की योजना का पर्दाफाश हो गया।

    बम डिस्पोज कर गड्ढे में दबाए

    बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी और जिले के स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर आनंद कुमार झा के ने बताया कि बमों के सुरक्षित निपटान के लिए पुलिस ने संबंधित विभागों को अनुरोध पत्र लिखा था।

    सोमवार को संबंधित एजेंसियां एनएसजी, जिले की बम निरोधक दस्ता और फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंची। बम निरोधक दस्ते और एनएसजी ने स्थापित सुरक्षा प्रोटोकाल और मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार उचित निरीक्षण कर बम को निष्क्रिय कर दिया।

    इससे पूर्व गड्ढे में दबे बमों को पहले निकाला गया। फिर उसे बम स्क्वाड ने उस बम को निष्क्रिय किया, फिर अर्थमूवर से खोदे गए गहरे गड्ढों में दबा दिया।

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