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    देश के पहले सुपर स्टोर के साथ ही NDMC दिल्ली के इन बजारों का करेगा पुनर्विकास, सलाहाकार नियुक्त

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 09:31 PM (IST)

    नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) अपनी वाणिज्यिक संपत्तियों का पुनर्विकास करेगी। कनाट प्लेस के पास सुपर बाजार खान मार्केट और यशवंत प्लेस में एनडीएमसी की संपत्तियों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लिए वित्तीय और तकनीकी सलाहकारों की नियुक्ति की जा रही है। एनडीएमसी का लक्ष्य इन स्थानों को आधुनिक वाणिज्यिक केंद्रों में बदलकर राजस्व बढ़ाना है।

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    सुपर बाजार समेत लुटियंस दिल्ली के प्रमुख बाजारों का होगा पुनर्विकास।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) अब अपनी प्रमुख वाणिज्यिक संपत्तियों के जरिये राजस्व सृजन को एक नई दिशा देने जा रही है।

    राजधानी की तीन प्रतिष्ठित साइटों कनाट प्लेस स्थित सुपर बाजार, खान मार्केट के पास एनडीएमसी की संपत्ति और यशवंत प्लेस का जल्द ही पुनर्विकास किया जाएगा। इसके लिए परिषद ने वित्तीय और तकनीकी सलाहकारों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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    एनडीएमसी के आर्किटेक्ट विभाग की ओर से सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया, इसमें उन फर्मों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जो वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में पंजीकृत ट्रांजेक्शन एडवाइजर के रूप में सूचीबद्ध हैं।

    एनडीएमसी की योजना है कि प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल के तहत इन बाजारों का पुनर्विकास किया जाए। उल्लेखनीय है कि सुपर बाजार 1960 के दशक में देश का पहला सुपरस्टोर था।

    जो कि अब धीरे-धीरे अनुपयोगी होग गया है। वर्ष 1962 में इसे लैंड एंड डेवलपमेंट आफिसर द्वारा एनडीएमसी को सौंपा गया था। इसको सौंपे जाने की प्रथम शर्त यही थी कि इसको केवल शापिंग सेंटर के तौर पर ही विकसित किया जा सकता है।

    मास्टर प्लान में भी इस स्थल को वाणिज्यिक उपयोग के लिए चिह्नित किया गया है। ऐसे में इसके फिर से एक आधुनिक शापिंग काम्प्लेक्स के रूप में लौटने की पूरी संभावना है।

    एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खान मार्केट और यशवंत प्लेस में एनडीएमसी के पास कई दुकानें और फ्लैट हैं। ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें और ऊपर आवासीय इकाइयों का स्वरूप है।

    जिन संपत्तियों का स्वामित्व एनडीएमसी के पास है। ऐसे में इन पूरे बाजार का पुनर्विकास नहीं होगा। हम केवल अपनी ही संपत्तियों का पुनर्विकास करेंगे।

    उन्होंने कहा कि एनडीएमसी इन तीनों स्थानों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त वाणिज्यिक केंद्रों में तब्दील करना चाहती है।

    एनडीएमसी इसे न सिर्फ राजस्व सृजन का जरिया मान रही है बल्कि इससे दिल्ली की व्यावसायिक छवि को और समृद्ध करने में मदद मिलेगी।

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