दिल्ली में नई सरकार के आने से कमाल की प्लानिंग, अब यमुना में सैर कर सकेंगे दिल्लीवासी
अधिकारी ने बताया कि वाटर टैक्सी शुरू करने से पहले दिल्ली से नोएडा तक वाटर सर्वे और उसके यातायात का अध्ययन करना होगा। अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में 20 से 25 यात्रियों वाली वाटर बोट चलाने की योजना है। इसके लिए दिल्ली सरकार से भी बातचीत चल रही है। इससे एनसीआर में जल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन भी बढ़ेगा।
राज्य ब्यूरो जागरण, नई दिल्ली। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड (एनसीआरपीबी) यमुना में वाटर टैक्सी चलाने की योजना बना रहा है। बोर्ड ने एनसीआर में आने वाले राज्यों के सचिवों के साथ बैठक में यह प्रस्ताव रखा है।
बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली से नोएडा तक चलने वाली इस वाटर टैक्सी का रूट मदनपुर खादर से आईटीओ तक होगा और उसी हिसाब से वाटर टैक्सी स्टेशन बनाए जाएंगे।
वाटर टैक्सी के लिए बनाए जाएंगे स्टेशन
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली के मदनपुर खादर, फिल्म सिटी, निजामुद्दीन और आईटीओ पर वाटर टैक्सी के लिए स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके लिए अंतर्देशीय जल परिवहन विभाग (आईडब्ल्यूएआई) को प्रस्ताव दिया गया है।
इसके तहत यह वाटर टैक्सी 20-25 यात्रियों को लेकर यमुना में एक जगह से दूसरी जगह जाएगी। कहा जा रहा है कि इससे एनसीआर में जल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन भी बढ़ेगा।
1.2 मीटर जलस्तर की जरूरत
बैठक में हुई चर्चा के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि यमुना में वाटर टैक्सी चलाने के लिए एक से 1.2 मीटर जलस्तर की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में यमुना नदी पर वाटर टैक्सी के लिए न सिर्फ रिवर फ्रंट बनाने की जरूरत है बल्कि इसे परिवहन और पर्यटन के लिए सुविधाजनक बनाने की भी जरूरत होगी।
20 से 25 यात्रियों वाली वाटर बोट
अधिकारी ने बताया कि वाटर टैक्सी शुरू करने से पहले दिल्ली से नोएडा तक वाटर सर्वे और उसके यातायात का अध्ययन करना होगा। अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में 20 से 25 यात्रियों वाली वाटर बोट चलाने की योजना है। इसके लिए दिल्ली सरकार से भी बातचीत चल रही है।
यमुना नदी को साफ करने का वादा
गौरतलब है कि दिल्ली में चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने यमुना नदी को साफ करने का वादा किया था। इस परियोजना के प्रस्ताव को नदी को साफ करने के वादे की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
टैक्सी चलाने से साफ होगी नदी
दिल्ली की यमुना नदी में वाटर टैक्सी चलाने की परियोजना से भी नदी साफ होगी। एनसीआरपीबी ने आईडब्ल्यूएआई से इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। साथ ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने को भी कहा है।
केजरीवाल सरकार ने लगाया था अड़ंगा
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और एलजी वीके सक्सेना भी इस तरह की पहल के लिए प्रयास कर चुके हैं, लेकिन तत्कालीन आप सरकार से सहयोग न मिलने के कारण योजना आगे नहीं बढ़ सकी।
स्थानों का सर्वेक्षण होगी शुरू
चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले एलजी ने डीडीए को निर्देश दिया था कि वह यमुना पर रोपवे/केबलवे विकसित करने के लिए स्थानों का सर्वेक्षण कर उनकी पहचान करने की प्रक्रिया शुरू करे। केबल कार के जरिए यात्रियों को यमुना के एक किनारे से दूसरे किनारे तक ले जाया जाएगा।
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