Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Celebi Aviation: केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तुर्किये की कंपनी की सुरक्षा मंजूरी की रद

    केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में तुर्किये की कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद करने का निर्णय का बचाव किया। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में कदम उठाया गया। कंपनी की सेवाएं जारी रखना खतरनाक हो सकता है। वहीं कंपनी ने इसे सार्वजनिक धारणा पर आधारित बताया।

    By Vineet Tripathi Edited By: Kushagra Mishra Updated: Mon, 19 May 2025 09:52 PM (IST)
    Hero Image
    सुरक्षा मंजूरी रद करने पर जेलेबी ने दायर की हैं दो याचिकाएं।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: विमानन नियामक बीसीएएस की ओर से सुरक्षा मंजूरी रद के निर्णय के विरुद्ध तुर्किये की कंपनी जेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिकाओं का केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में विरोध किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्र की तरफ से पेश हुए साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ को बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है।

    उन्होंने कहा कि कुछ जानकारी मिली है कि याचिकाकर्ता कंपनियों की सेवाएं जारी रखना वर्तमान स्थिति में खतरनाक होगा। तर्क दिया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और मंजूरी रद करने का आदेश उसी को दर्शाता है।

    नागरिक उड्डयन के पास हैं बिना कारण बताए रद करने का अधिकार

    तुषार मेहता ने कहा कि दुश्मन 10 बार कोशिश करते हैं और एक बार सफल हो सकते हैं, लेकिन देश को हर बार सफल होना पड़ता है। इस पर पीठ ने साॅलिसिटर जनरल से कहा कि आपको अदालत के समक्ष कानूनी प्रविधान पेश करने होंगे और अदालत इसी आधार पर आगे बढ़ेगी।

    उन्होंने कहा कि हम नागरिक उड्डयन और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही राष्ट्र की संप्रभुता के सबसे नाजुक विषय पर बात कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि नागरिक उड्डयन बिना कोई कारण बताए रद करने का अधिकार रखता है।

    कंपनी ने कहा, सुरक्षा मंजूरी बिना सुनवाई व कारण बताए रद कर दी गई

    वहीं, दूसरी तरफ जेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि यह निर्णय सार्वजनिक धारणा के कारण लिया गया था।

    जबकि यह निर्णय लेने का आधार नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि सुरक्षा मंजूरी बिना किसी सुनवाई या कारण बताए रद कर दी गई। रोहतगी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह जनता की धारणा के कारण है क्योंकि कंपनी में तुर्किये नागरिकों की हिस्सेदारी है।

    जेलेबी की दोनों कंपनियों ने दायर की हैं दो याचिकाएं

    उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता चौदह हजार कर्मचारियों के साथ सत्रह वर्षों से काम कर रहे थे। मामले को 21 मई के लिए सूचीबद्ध करते हुए पीठ ने एसजी से पूछा कि क्या न्यायालय ऐसे निर्णयों के विरुद्ध अपील सुन सकता है और क्या ऐसी परिस्थितियों में पूर्व नोटिस देना अनिवार्य है।

    तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने करने के कुछ दिनों बाद विमानन नियामक बीसीएएस द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में फर्मों की सुरक्षा मंजूरी रद कर दी गई थी। जेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दो याचिकाएं दायर की हैं।

    यह भी पढ़ें: अगर किसी को जांच और निगरानी से अलग रखा जाएं, तो वही लोकतंत्र के पतन का कारण बनता है: उपराष्ट्रपति