नेशनल हेराल्ड केस में बढ़ सकती हैं सोनिया-राहुल की मुश्किलें, ईडी ने कोर्ट में पेश किए दो अहम दस्तावेज
नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दो अहम दस्तावेज पेश किए। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इन्हें सोनिया गांधी राहुल गांधी समेत सभी आरोपियों के साथ साझा करने का निर्देश दिया। राहुल गांधी के वकील ने कहा कि कांग्रेस एजेएल को बेचना नहीं चाहती। सोनिया गांधी के वकील ने ईडी की कार्रवाई को चौंकाने वाली बताया। अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत में National Herald से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो अहम दस्तावेज पेश किए।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इन दस्तावेज को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत सभी प्रस्तावित आरोपितों के साथ साझा करने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने वर्ष 2014 में सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दर्ज शिकायत और 30 जून 2021 का एक दस्तावेज कोर्ट में पेश किया। दोनों दस्तावेज को रिकार्ड में शामिल किया गया।
सात अगस्त 2025 को कोर्ट ने गांधी परिवार की भूमिका पर जांच अधिकारी से सवाल किए थे, जबकि पहले कोर्ट ने दस्तावेज की स्पष्टता मांगी थी।
ईडी की दलील थी कि कांग्रेस के दानदाताओं को गुमराह किया गया और कुछ को चुनावी टिकट का वादा भी किया गया।
ईडी ने गांधी परिवार के उस दावे को भी खारिज किया कि उनका असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) पर कोई नियंत्रण नहीं था, और ही एजेएल ही नेशनल हेराल्ड का मूल प्रकाशक था।
राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा ने दलील दी कि कांग्रेस का एजेएल बेचने का कोई इरादा नहीं था, बल्कि इसे स्वतंत्रता संग्राम से मिली विरासत के रूप में संरक्षित रखने का उद्देश्य था।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ईडी ने एजेएल के मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन को क्यों नजरअंदाज किया, जिसमें स्पष्ट रूप से उसकी नीतियां कांग्रेस से जुड़ी बताई गई हैं।
सोनिया गांधी की ओर से पेश वकील मनु सिंहवी ने ईडी की कार्रवाई को अप्रत्याशित और चौंकाने वाली बताते हुए कहा कि यंग इंडियन कंपनी का उद्देश्य केवल एजेएल के बकाया कर्ज को कानूनी रूप से समाप्त करना था।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह केस वर्षों बाद एक व्यक्तिगत शिकायत के आधार पर फिर से शुरू किया गया। इससे पहले अप्रैल माह में ईडी ने मनी लान्ड्रिंग अधिनियम की धारा 44 और 45 के तहत अभियोगात्मक शिकायत दाखिल की थी।
जिसके बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा सहित सात प्रमुख आरोपितों को नोटिस जारी किया गया था।
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