Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऑनलाइन और रिटेल में खरीदे गए कपड़ों में पाया जा रहा NP और NPE रसायन, हार्मोन असंतुलन व कैंसर समेत कई बीमारियों का खतरा

    Updated: Mon, 19 May 2025 06:48 PM (IST)

    टॉक्सिक्स लिंक के एक अध्ययन में भारतीय बाजारों में मिलने वाले कपड़ों और देश की प्रमुख नदियों में नानिलफेनाल एथोक्सिलेट्स रसायन पाया गया है।15 वस्त्र उत्पादों में यह रसायन मिला है जिनमें से अधिकांश अंडरग्रारमेंट्स थे। यह रसायन हार्मोनल प्रणाली प्रभावित करता है और कैंसर का कारण बन सकता है।

    Hero Image
    15 वस्त्र उत्पादों और पांच प्रमुख नदियों के जल में मिला NPE रसायन।

    राज्य ब्यूरो, जागरण . नई दिल्ली: क्या आपने कभी नानिलफेनाल (NP) एवं नानिलफेनाल एथोक्सिलेट्स (NPE) के बारे में सुना है? अगर नहीं तो ये हार्मोनल असंतुलन करने वाले रसायन हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र, खासकर भारत एवं चीन, के उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गैर सरकारी संगठन टाॅक्सिक्स लिंक ने भारतीय ऑफलाइन एवं ऑनलाइन बाजारों में मिलने वाले कपड़ों पर एक अध्ययन किया। कपड़ा केंद्रों के आसपास की नदियों के पास पर्यावरणीय नमूनों लिए। नदी के तल में जमा गाद, रेत, बजरी और वेस्ट वाॅटर में NPE पाया गया।

    टाॅक्सिक्स लिंक ने भारत के 10 प्रमुख कपड़ा उद्योग केंद्रों की रिटेल दुकानों एवं ऑनलाइन प्लेटफार्मों से 40 ब्रांड के कपड़ों को खरीदकर जांच की। उनमें से 15 में एनपी या एनपीई पाया गया। इनमें से ज्यादतर अंडरगारमेंट्स थे। जिसके संपर्क में आने से गंभीर बीमारी हो सकती है।

    इन उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है NP एवं NPE

    NP एवं NPE चमड़ा, डिटर्जेंट, कागज एवं लुगदी, खाद्य पैकेजिंग सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन, निर्माण, ऑटोमोटिव, कृषि रसायन, पेंट और धातु उद्योग में इस्तेमाल होता है।

    विभिन्न क्षेत्रों में इसका व्यापक एवं अनियंत्रित रूप से उपयोग किया जाता है। इन उद्योगों के साथ-साथ NP का उपयोग कपड़े बनाने और धोने, लुब्रिकेशन, ब्लीचिंग एवं डाई और धुलाई एजेंटों के तौर पर हो रहा है।

     टॉक्सिक्स लिंग के अध्ययन के यह निष्कर्ष निकलकर आया

    • 15 उत्पादों में से 13 भारत में बने थे, बाकी दो कहां से बने थे, पता नहीं लगाया जा सका।
    • 15 में से 10 उत्पाद अंडरगारमेंट्स (पुरुष एवं महिला दोनों) थे, जिनमें NPE का स्तर 22.2 से 957 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम के बीच पाया गया।
    • रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक Concentration (957 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम) लॉन्जरी में पाया गया।
    • बच्चों और शिशुओं के 60 प्रतिशत उत्पादों में भी NPE की मात्रा अत्यधिक मिली, जिनका Concentration 8.7 से 764 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम तक था।

    पांच प्रमुख नदियों के सतही जल में भी पाया गया एनपीई

    • तमिलनाडु के चेन्नई में कूवम एवं अड्यार नदी, पंजाब के लुधियाना में बुड्ढा नाला नदी, राजस्थान के पाली में बांडी नदी और गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी।
    • रिपोर्ट के अनुसार एनपीई की सर्वाधिक मात्रा कूवम नदी में (70 माइक्रोग्राम प्रति लीटर) थी। इसके बाद अड्यार नदी (60 माइक्रोग्राम प्रति लीटर) और बांडी नदी (40 माइक्रोग्राम प्रति लीटर) में रही।
    • अध्ययन में साबरमती नदी के सतही जल में एनपी का स्तर 7.9 माइक्रोग्राम प्रति लीटर पाया गया। गाद के नमूनों में 360 माइक्रोग्राम प्रति किलो एनपी तथा 810 माइक्रोग्राम प्रति किलो मिश्रित आइसोमर मिला।
    • पंजाब में बुड्ढा नाला के तलछट में एनपी का सर्वाधिक प्रदूषण पाया गया, जिसमें एनपी 460 माइक्रोग्राम प्रति लीटर और एनपी मिश्रित आइसोमर 1190 माइक्रोग्राम प्रति लीटर था।

    स्वास्थ्य को लेकर एनपी और एनपीई से हो सकते हैं ये खतरे 

    एनपी एक एंडोक्राइन- विघटनकारी रसायन (ईडीसी) है, जो हार्मोनल प्रणाली को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है, एस्ट्रोजन (मुख्य महिला लिंग हार्मोन) की नकल कर सकता है, तथा गर्भस्थ शिशुओं तथा बच्चों के विकास में असामान्यताएं पैदा कर सकता है। इसी प्रकार, इसके कैंसरजनक गुण पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर एवं महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण बन सकते हैं। 

    नानिलफेनाल (NP) का इस्तेमाल अभी भारत में सिर्फ सौंदर्य प्रसाधनों (जैसे क्रीम, शैंपू आदि) में ही बंद किया गया है, लेकिन यह काफी नहीं है। हमें इसे पानी और दूसरी चीजों में भी रोकने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को नियम बनाकर इस रसायन की मात्रा पर नियंत्रण करना चाहिए। हमें नानिलफेनाल के ऐसे विकल्प ढूंढने चाहिए, जो सुरक्षित हों और सेहत को नुकसान न पहुंचाएं। साथ ही, कंपनियों और लोगों को ऐसे सुरक्षित रसायनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

    -सतीश सिन्हा, एसोसिएट निदेशक, टाॅक्सिक्स लिंक

    यह भी पढ़ें: गर्मी में दिल्लीवासियों के लिए राहत की खबर, DDA ने खोले अपने सभी स्विमिंग पूल; शुरू किए खेल शिविर