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    आज से नंगली डेयरी में शुरू हो जाएगा बायो गैस का उत्पादन, CM रेखा गुप्ता करेंगी संयंत्र का उद्घाटन

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    पश्चिमी दिल्ली के नंगली डेयरी में आज से बायो गैस संयंत्र शुरू हो रहा है जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता करेंगी। इस प्लांट से गोबर निस्तारण की समस्या दूर होगी और पशुपालकों को आय होगी। उत्पादित गैस इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड को बेची जाएगी जिससे यमुना प्रदूषण कम होगा और दिल्ली को स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी।

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    आज से नंगली डेयरी में शुरू हो जाएगा बायो गैस का उत्पादन।

    गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। विलंब से ही नंगली डेयरी में बनकर तैयार बायो गैस संयंत्र में आज से बायो गैस का उत्पादन शुरू हो जाएगा। प्रदेश की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज इस संयंत्र का उदघाटन करेंगी। संयंत्र के उदघाटन की बात से न सिर्फ डेयरी के पशुपालक बल्कि आसपास स्थित कालोनियों में रहने वाले लोग भी काफी खुश हैं।

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    लोगों का कहना है कि अब गोबर निस्तारण से जुड़ी समस्या से सभी को निजात मिल जाएगी। गोबर अब समस्या नहीं बल्कि संसाधन होगा। पशुपालकों को अब गोबर को ठिकाने लगाने में पसीना नहीं बहाना होगा बल्कि गोबर की बिक्री से आय होगी।

    आइजीएल खरीदेगी गैस

    संयंत्र में निर्मित बायो गैस इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल) को बेचा जाएगा। इसके दो फायदे होंगे। एक तो प्रदूषण की मार झेल रही देश की राजधानी को स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी और दूसरा यह कि जिस जीवनदायिनी यमुना के प्रदूषण में सर्वाधिक योगदान नजफगढ़ नाले को हाेता है, वहां अब डेयरी के नालों से नाममात्र का गोबर भी बहकर नहीं गिरेगा। इससे स्वच्छ यमुना के संकल्प को साकार होने में मदद मिलेगी।

    बायो गैस संयंत्र क्यों है अहम

    दिल्ली में यमुना को प्रदूषित करने में सबसे बड़ा योगदान नजफगढ़ ड्रेन का है। इस ड्रेन में नंगली, ककरौला, गोयला डेयरियों से गंदगी पहुंचती है। गोबर का निस्तारण सही तरीके से करने के बजाय पशुपालक उच्च दबाव पर पानी फेंककर गोबर को नाले में बहा देते हैं। इससे इलाके के नाले में गाद की समस्या होती है। अंत में यह गाद नजफगढ़ ड्रेन के माध्यम से यमुना को प्रदूषित करता है। लेकिन बायो गैस प्लांट के लिए गोबर की खरीद से जुड़ी योजना के बाद पशुपालकों के लिए गोबर समस्या नहीं बल्कि एक संसाधन होगा। वे गोबर नाले में बहाने के बजाय इसे बेचना पसंद करेंगे।

    200 टन गैस का होगा उत्पादन

    अनुमान है कि पूरी तरह शुरू होने के बाद यहां प्रतिदिन 200 टन गैस का उत्पादन होगा। इतनी गैस के उत्पादन के लिए यहां करीब 656 मीट्रिक टन गोबर की रोजाना जरूरत होगी। इस जरूरत को नंगली व आसपास की डेयरी से पूरा किया जाएगा। पशुपालकों से 65 पैसे प्रतिकिलो के हिसाब से गोबर की खरीद होगी। यदि पशुपालकों से जरुरत पूरी नहीं होगी, तो प्लांट में हरित कचरे का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए सब्जी मंडियों से हरित कचरा एकत्र किया जाएगा। प्लांट में उत्पादित गैस इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड को बेचा जाएगा।

    2018 में बनी थी योजना

    नंगली में बायो गैस प्लांट की योजना वर्ष 2018 में तैयार हुई थी। तत्कालीन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से यह योजना बनाई गई थी। कोरोना व भूमि पर अतिक्रमण के चलते निर्माण कार्य ने गति नहीं पकड़ी। तमाम बाधाओं को पार करने के बाद 16 करोड़ रुपये की लागत से बायो गैस प्लांट पीपीपी माडल के तहत बनकर तैयार हुआ।

    अगले 20 वर्षों तक निर्माण एजेंसी के हाथ में ही इसके परिचालन का जिम्मा रहेगा। बायो गैस प्लांट के शुरू होने से इलाके के गोबर व हरित कचड़े के निस्तारण में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। प्लांट में क्षेत्र की लगभग 1,500 डेयरियों से निकलने वाले गोबर से बायो गैस और जैविक खाद बनेगी।

    संयंत्र के शुरू होने का सभी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। विलंब से ही आज मुख्यमंत्री के हाथों इसका उदघाटन हो रहा है। अब हमार कोशिश गोयला डेयरी में इसी तरह के संयंत्र के निर्माण की योजना को जल्द से जल्द पूरा करने की है। - सविता शर्मा, क्षेत्रीय निगम पार्षद व चेयरमैन, नजफगढ़ जोन