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    खिलाड़ियों की नर्सरी है नजफगढ़ स्टेडियम, यहां के कई बच्चों ने खेल की दुनिया में नाम किया रोशन

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    Updated: Wed, 23 May 2018 03:44 PM (IST)

    नजफगढ़ क्षेत्र के अधिकतर गांवों में ऐसे युवा मिल ही जाते हैं जिन्होंने खेल कोटे से नौकरी पाई है। इसके अलावा खेल कोटे से आज क्षेत्र के कई बच्चे अच्छे कॉलेजों में पढ़ रहे हैं।

    खिलाड़ियों की नर्सरी है नजफगढ़ स्टेडियम, यहां के कई बच्चों ने खेल की दुनिया में नाम किया रोशन

    नई दिल्ली [जेएनएन]। पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब की कहावत अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। अब खेल में भी युवा वर्ग उतनी ही रुचि ले रहे हैं जितनी पढ़ाई में। नजफगढ़ स्टेडियम में रोजाना बड़ी संख्या में बच्चों से लेकर युवा वर्ग अलग-अलग खेलों में अभ्यास के लिए जुटते हैं। स्टेडियम के प्रबंधक राजेश सहरावत बताते हैं कि यहां के कई बच्चों ने खेल की दुनिया में न सिर्फ नाम कमाया है, बल्कि देश का भी नाम रोशन किया है।

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    ग्रीको रोमन व फ्री स्टाइल प्रशिक्षण की व्यवस्था

    देश के लिए कई ओलंपिक पदक जीतने वाले पहलवान सुशील भी यहां प्रशिक्षण ले चुके हैं। यहां के कई बच्चे खेल कोटे से नौकरी कर रहे हैं। नजफगढ़ स्टेडियम में कुश्ती, भारोत्तोलन, कबड्डी व बॉक्सिंग सहित कई खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है। कुश्ती में यहां ग्रीको रोमन व फ्री स्टाइल दोनों के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। करीब 125 बच्चे यहां कुश्ती का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

    50 लड़कियां कुश्ती का प्रशिक्षण ले रही हैं

    यहां प्रशिक्षण लेने वाले करण ने जूनियर वर्ग की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किए हैं, वहीं नितेश छिक्कारा भी कई पदक पा चुके हैं। करीब 50 लड़कियां भी यहां कुश्ती का प्रशिक्षण ले रही हैं। इनमें से करीब 15 लड़कियां ऐसी हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं।

    100 बच्चे कबड्डी का प्रशिक्षण ले रहे हैं

    स्टेडियम प्रबंधन को इस बात का गर्व है कि दिल्ली में लड़कियों की जूनियर श्रेणी में कुश्ती की जो टीम है उनमें से आधी लड़कियां नजफगढ़ स्टेडियम से जुड़ी हैं। कुश्ती के अलावा यहां कबड्डी के खेल में भी कई बच्चे प्रशिक्षण पा रहे हैं। इन दिनों करीब 100 बच्चे कबड्डी का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

    खेल में कई मौके

    स्टेडियम प्रबंधक बताते हैं कि खेलों के प्रति लोगों की सोच में समय के साथ अब काफी सकारात्मक बदलाव आए हैं। नजफगढ़ क्षेत्र के अधिकतर गांवों में ऐसे युवा मिल ही जाते हैं जिन्होंने खेल कोटे से नौकरी पाई है। इसके अलावा खेल कोटे से आज क्षेत्र के कई बच्चे अच्छे कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। खेल की सबसे अच्छी बात यह होती है कि यह समाज के साथ आपको जोड़ता है। आपके अंदर की खेल भावना सभी को साथ लेने की भावना का विकास करती है। खेल आपके अंदर की नकारात्मकता को दूर करता है।

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