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    विकसित भारत की ओर दिल्ली विश्वविद्यालय का एक और सशक्त कदम: NCWEB की छात्राओं के लिए MOU

    Updated: Tue, 12 Mar 2024 03:24 PM (IST)

    नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) दिल्ली विश्वविद्यालय और एशिया फाउंडेशन ने एनसीडब्ल्यूईबी की छात्राओं के बीच डिजिटल दक्षता और रोजगारपरक कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से एक अभूतपूर्व समझौता साइन किया है। इससे वे तकनीकी रूप से संचालित औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकेंगी। यह महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के साथ जुड़ा हुआ है।

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    विकसित भारत की ओर दिल्ली विश्वविद्यालय का एक और सशक्त कदम

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज का दिन नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) के इतिहास में मील का पत्थर है, क्योंकि नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी), दिल्ली विश्वविद्यालय और एशिया फाउंडेशन ने एनसीडब्ल्यूईबी की छात्राओं के बीच डिजिटल दक्षता और रोजगारपरक कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से एक अभूतपूर्व समझौता साइन किया है, ताकि इससे उन्हें प्रतिस्पर्धी और तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जा सके।

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    इससे वे तकनीकी रूप से संचालित औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकेंगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस-रीगल लॉज में आयोजित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर समारोह में इस महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित किया, जहाँ सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस साझेदारी को औपचारिक रूप दिया।

    यह रणनीतिक गठबंधन एशिया फाउंडेशन के स्किल्स वर्क कार्यक्रम के माध्यम से VISA द्वारा समर्थित है और यह महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के साथ जुड़ा हुआ है। साझेदारी का लक्ष्य 20 घंटे के फाउंडेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से एनसीडबल्यूईबी की 1500 छात्राओं को प्रति वर्ष प्रशिक्षित करना है, जो डिजिटल साक्षरता, रोजगारपरक सॉफ्ट स्किल्स और व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन पर केंद्रित है।

    प्रो. बलराम पाणि (डीन ऑफ कॉलेजेज, दि.वि. एवं चेयरपर्सन,एनसीडब्ल्यूईबी) ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह पहल हमारी छात्राओं के डिजिटली दक्षता प्राप्ति में सहायक होगा। एनसीडब्ल्यूईबी के निदेशक प्रोफेसर गीता भट्ट ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रो. योगेश सिंह के सानिध्य में NCWEB की छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु लिए गए प्रयासों में यह समझौता एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा। डॉ. विकास गुप्ता (रजिस्ट्रार, दि.वि.) ने कहा कि यह समझौता डिजिटली सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक बेहतरीन कदम है।

    दिल्ली विश्वविश्वविद्यालय में कंप्यूटर सेंटर के निदेशक प्रोफेसर संजीव सिंह ने आज के समय में इस तरह की साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला जो रोजगार के नजरिए से महिलाओं को सशक्त बनाने और स्थायी प्रभाव पैदा करने की अपनी क्षमता पर जोर देता है।

    इस संदर्भ में बात करते हुए सुश्री नंदिता बरुआ (राष्ट्रीय प्रतिनिधि, द एशिया फाउंडेशन) ने साझेदारी के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम उन युवा महिलाओं को कौशल प्रदान करने के लिए एनसीडब्ल्यूईबी, दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ इस साझेदारी को शुरू करके प्रसन्न हैं जो भारत के विकास की एक कड़ी बनना चाहती हैं। साथ मिलकर हम नए अवसरों को ढूँढने, महिलाओं के लिए सम्मानजनक नौकरी भूमिकाओं और समान अवसरों से संबंधित चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से समाधान करने की उम्मीद करते हैं।

    यह ज्ञापन हस्ताक्षर न केवल एनसीडब्ल्यूईबी, दिल्ली विश्वविद्यालय और द एशिया फाउंडेशन के बीच संबंधों को मजबूत करता है बल्कि भविष्य के सहयोग, पहल और परियोजनाओं के लिए मंच भी तैयार करता है। दोनों इकाइयाँ समुदायों के विकास और सार्थक योगदान को बढ़ावा देने के लिए अपनी ताकत का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले तीन वर्षों में 5000 छात्राओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है।