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    धान की फसल में कीटों की करें निगरानी, कृषि वैज्ञानिकों ने बताया तरीका; अब किसान होंगे मालामाल

    Updated: Wed, 04 Sep 2024 04:32 PM (IST)

    पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने धान की फसल को कीटों से बचाने के लिए किसानों को जरूरी टिप्स दिए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर धान की फसल में तना छेदक कीट की समस्या नजर आए तो वहां पर निगरानी हेतू फिरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल जरूरी है। इसके अलावा सब्जियां जैसे टमाटर मिर्च बैंगन फूलगोभी व पत्तागोभी आदि में भी इसका उपयोग कर सकते हैं।

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    धान की फसल में कीटों की करें निगरानी, लगाए फिरोमोन ट्रैप। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। धान की फसल इन दिनों बाली बनने की स्थिति में है। ऐसे समय में कीटों के प्रकोप को लेकर सतर्क रहने की बड़ी आवश्यकता है। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों का कहना है कि धान की फसल ( paddy crop) में तना छेदक कीट की समस्या नजर आए तो निगरानी हेतू फिरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल करें।

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    एक एकड़ खेत के लिए तीन से चार ट्रैप

    एक एकड़ खेत के लिए तीन से चार ट्रैप उपयुक्त होंगे। यदि तना छेदक कीट का प्रकोप अधिक हो तो करटॉप दवा का इस्तेमाल करें। तना छेदक कीट के साथ ही इस समय धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट होपर का प्रकोप हो सकता है। इसके लिए खेत के अंदर जाकर पौध के निचली भाग के स्थान पर मच्छरनुमा कीट का निरीक्षण करें। यदि प्रकोप अधिक दिखाई दें तो इमिडाक्लोप्रिड दवा का छिड़­काव करें।

    इस समय अगेती मटर की बुवाई के लिए बीज की व्यवस्था किसान कर सकते हैं। इसके लिए उन्नत बीजों में पूसा प्रगति, पंत मटर-3 तथा आर्किल शामिल हैं। बुवाई से पहले खेत को तैयार कर लें। इस मौसम में किसान गाजर की बुवाई मेड़ो पर कर सकते हैं। पूसा रूधिरा गाजर की उपयुक्त किस्म है। चार किलो बीज एक एकड़ के लिए उपयुक्त है।

    बुवाई से पूर्व बीज को केप्टान की दो ग्राम मात्रा को एक किलो बीज के साथ मिलाकर उपचारित करें। साथ ही खेत में देसी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें। अंकुरण के लिए मृदा मे उचित नमी का होना आवश्यक है।

    सब्जियों में (टमाटर, मिर्च, बैंगन फूलगोभी व पत्तागोभी) फल छेदक, शीर्ष छेदक एवं फूलगोभी व पत्तागोभी में डायमंड़ बेक मोथ की निगरानी हेतू फिरोमोन ट्रैप का इस्तेमा करें। प्रकोप अधिक दिखाई दे तो स्पेनोसेड़ दवाई का छिड़काव पानी के साथ मिलाकर करें।

    वर्षा की संभावना, छिड़काव से पहले दें ध्यान

    वर्षा के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए विज्ञानियों की किसानों को सलाह है की किसी प्रकार का छिड़काव ना करें तथा खड़ी फसलों व सब्जी नर्सरियों में उचित प्रबंधन रखे। दलहनी फसलों तथा सब्जी नर्सरियों में जल निकास की उचित व्यवस्था करें।

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