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    27 साल बाद नहीं होगा कोई मुस्लिम मंत्री, दिल्ली के इस इलाके का हमेशा रहा है कैबिनेट में दबदबा

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 18 Feb 2025 11:27 PM (IST)

    दिल्ली में चाहे कोई भी सत्ता में रहा हो लेकिन मंत्रिमंडल में यमुनापार का दबदबा हमेशा रहा है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में यमुनापार ने दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया है। 1993 में जब भाजपा की सरकार बनी थी तब दिल्ली का पहला स्वास्थ्य मंत्री यमुनापार से था। यमुनापार में कुल 16 सीटें हैं इस बार भाजपा ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है।

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    यमुनापार से विधायक दिल्ली कैबिनेट में भाजपा, आप और कांग्रेस सरकार में मंत्री बन चुके हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली में चाहे कोई भी सत्ता में रहा हो, लेकिन मंत्रिमंडल में यमुनापार का दबदबा हमेशा रहा है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में यमुनापार ने दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया है। 1993 में जब भाजपा की सरकार बनी थी, तब दिल्ली का पहला स्वास्थ्य मंत्री यमुनापार से था।

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    यमुनापार में कुल 16 सीटें हैं, इस बार भाजपा ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। वर्ष 2020 में आम आदमी पार्टी की लहर में यमुनापार ने छह सीटें जीतकर भाजपा की लाज बचाई थी। इस बार भाजपा ने गांधी नगर सीट से विधायक अनिल बाजपेयी को बाहर कर दिया था।

    इस सीट के अलावा घोंडा से अजय महावर, रोहतास नगर से जितेंद्र महाजन, करावल नगर (अब मुस्तफाबाद) से मोहन सिंह बिष्ट, लक्ष्मी नगर से अभय वर्मा, विश्वास नगर से ओपी शर्मा ने लगातार जीत दर्ज की है। मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए यमुनापार से विधायक वरिष्ठ नेताओं के पास चक्कर लगा रहे हैं।

    हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि किसकी ताजपोशी होगी। ओपी शर्मा चार बार के विधायक हैं, जबकि मोहन सिंह बिष्ट छठी बार विधायक बने हैं। कृष्णा नगर विधायक डॉ. अनिल गोयल यमुनापार में एकमात्र डॉक्टर विधायक हैं।

    वर्ष 1993 में यमुनापार ने स्वास्थ्य विभाग का किया था प्रतिनिधित्व

    1993 में पहली बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी। मदन लाल खुराना मुख्यमंत्री बने। उस समय यमुनापार में बीजेपी ने 16 में से 15 सीटें जीती थीं। घोंडा विधायक लाल बिहारी तिवारी को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग दिया गया। जबकि कृष्णा नगर विधायक डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य विभाग संभाला। 1998 के बाद बीजेपी की सरकार चली गई और कांग्रेस की सरकार बनी।

    27 साल बाद नहीं होगा कोई मुस्लिम मंत्री

    27 साल में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब दिल्ली में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं होगा। बीजेपी सरकार बनाने जा रही है, लेकिन बीजेपी में कोई मुस्लिम विधायक नहीं है। कांग्रेस और आप के कार्यकाल में मुस्लिम मंत्री रहे हैं। इस बार आप के चार मुस्लिम विधायक सीलमपुर से चौधरी जुबैर, बल्लीमारान से इमरान हुसैन, मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल, ओखला से अमानतुल्लाह खान जीते हैं।

    आप सरकार में यमुनापार से रहे हैं तीन मंत्री

    आम आदमी पार्टी सरकार में यमुनापार से तीन मंत्री रह चुके हैं। मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री थे, समाज कल्याण विभाग सीमापुरी विधायक राजेंद्र पाल गौतम के पास था और पर्यावरण मंत्रालय बाबरपुर विधायक गोपाल राय के पास था। 2015 में करावल नगर विधायक कपिल मिश्रा को सरकार में जल मंत्री बनाया गया था, लेकिन बगावत करने के बाद उन्हें हटा दिया गया था।

    कांग्रेस सरकार में रही यमुनापार की बादशाहत

    कांग्रेस सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य में यमुनापार का दबदबा रहा। कांग्रेस ने 15 साल तक दिल्ली पर राज किया। इस दौरान यमुनापार में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में दबदबा रहा। गीता कॉलोनी विधायक डॉ. एके वालिया स्वास्थ्य मंत्री रहे। गांधी नगर विधायक अरविंदर सिंह लवली ने शिक्षा का जिम्मा संभाला। शाहदरा विधायक डॉ. नरेंद्र नाथ ऊर्जा मंत्री रहे।

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