दिल्ली के GTB अस्पताल में डॉक्टरों से बदसलूकी, नर्सों के साथ की गाली-गलौज; वायरल हुआ घटना का VIDEO
Delhi News दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में डॉक्टरों नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस मामले में अस्पताल की तरफ से मरीज और उसके परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। आरोप है कि अस्पताल की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है। जानिए आखिर पूरा मामला क्या है।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। जीटीबी अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में सोमवार देर रात एक मरीज व उसके परिजनों की ओर से ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और कमर्चारियों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो सोशल पर वायरल हो रहा है।
मरीज के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इस मामले में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने चिकित्सा निदेशक को पत्र लिखकर मरीज व परिजनों के खिलाफ संस्थागत प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है। साथ ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अस्पताल में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की भी मांग की है।
स्टाफ के साथ गाली-गलौज की
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर रजत शर्मा ने बताया कि न्यूरोसर्जरी विभाग में एक मरीज जांच के दौरान हिंसक हो गया और उसने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज की, धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया और उन पर शारीरिक हमला करने की कोशिश की। इसके अलावा, मरीज ने अस्पताल की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया।
ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
उन्होंने कहा कि आरडीए द्वारा ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरडीए अपने सहकर्मियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। आरडीए की ओर से अस्पताल प्रशासन, सुरक्षा कर्मियों और विभाग के साथ एक बैठक आयोजित करने का भी अनुरोध किया गया है।
अटकी सुरक्षा फाइल को मंजूरी देने के लिए किया अनुरोध
एक अन्य पत्र में आरडीए ने अस्पताल प्रशासन से पहले से प्रस्तावित सुरक्षा फाइल की मंजूरी और कार्यान्वयन में तेजी लाने की मांग की है। आरडीए के पदाधिकारियों ने बताया कि अस्पताल परिसर में हिंसा की हाल की घटनाओं ने सुरक्षा को लेकर परेशान कर दिया है। फिर भी प्रशासन की ओर से सुरक्षा उपायों को बढ़ाने में कोई प्रगति नहीं हुई है।
कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए
उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में गोलीकांड के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव द्वारा सुरक्षा फाइल को मंजूरी देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया था। लेकिन 16 सप्ताह बीतने के बावजूद कड़े सुरक्षा प्रोटोकाल लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
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बताया गया कि फाइल अस्पताल के विभिन्न प्रशासनिक प्रभागों में अटकी हुई है, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता पर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं। आरडीए ने अस्पताल प्रशासन से बिना किसी देरी के सुरक्षा फाइल को मंजूरी देने के लिये प्राथमिकता से काम करने का अनुरोध किया है।

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