Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केजरीवाल के बयान के बाद मिडिल क्लास वर्ग को लेकर क्या है दिल्ली की राय? लोगों ने खुद ही बताया

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 09:05 PM (IST)

    Delhi Chunav 2025 अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मध्यम वर्ग के लिए घोषणा पत्र जारी कर नई चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने टैक्स छूट जरूरी वस्तुओं पर से जीएसटी हटाने जैसी मांगें की हैं। राजधानी के डेढ़ करोड़ मतदाताओं में से करीब 45 प्रतिशत मध्यम वर्ग से आता है। जानिए केजरीवाल के इस कदम के पीछे की रणनीति और मध्यम वर्ग के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में।

    Hero Image
    Delhi News: टैक्स में छूट और महंगाई पर नियंत्रण चाहता है मध्यम वर्ग। फाइल फोटो

    उदय जगताप, नई दिल्ली। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मध्यम वर्ग के लिए घोषणा पत्र जारी कर नई चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने टैक्स छूट देने, जरूरी वस्तुओं पर से जीएसटी हटाने जैसी मांगें की हैं। राजधानी के डेढ़ करोड़ मतदाताओं में से करीब 45 प्रतिशत मध्यम वर्ग से आता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत में 31 प्रतिशत लोग मध्यम वर्ग (Middle Class) से आते हैं। लेकिन, दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय अधिक है और मध्यम वर्ग का औसत भी देश की तुलना में अधिक है। इसलिए केजरीवाल ने एक बड़े वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। केजरीवाल के मध्यम वर्ग की बात छेड़ते ही उनकी परेशानियां खुलकर सामने आ गई हैं।

    रोजगार, टैक्स और महंगाई से जुड़े मुद्दे उन्हें परेशान कर रहे हैं। लोग टैक्स छूट की मांग कर रहे हैं। मध्यम वर्ग को कई योजनाओं का फायदा नहीं मिलता, उनकी जेब पर टैक्स का सीधा बोझ पड़ता है। महंगाई ने छोटी बचत को घटा दिया है और इससे परेशानी खड़ी हो गई है।

    लोगों की बात

    सरकार की नीतियों का सबसे ज्यादा प्रभाव मध्यम वर्ग पर ही पड़ता है, क्योंकि सबसे ज्यादा टैक्स और सबसे कम आमदनी इसी वर्ग की है। मुफ्त की जो योजनाएं दी जा रही हैं, उसके लिए अधिक टैक्स की मार मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा पड़ रही है।

    प्रदीप चंद्र, व्यवसायी, नजफगढ़

    मध्यम वर्ग जितना कमाता है, उतना टैक्स चुका देता है। गरीबी रेखा के नीचे के लोगों के लिए बहुत योजनाएं हैं, लेकिन मध्यम वर्ग के लिए वैसी योजनाएं नहीं हैं। मध्यम वर्ग के लोगों को ना शिक्षा में सरकार की तरफ से कोई फायदा होता है ना ही अस्पतालों में। मिडिल क्लास आदमी कार लोन पर लेगा तो भी जीएसटी देगा, टैक्स भी दे रहा है, रोड टैक्स भी देगा, ब्याज भी देगा और दिल्ली एवं देश की सरकार के सभी टैक्स भरने के बाद भी दबाव महसूस करता है।

    पिंकू कुमार, रेलवे कर्मचारी, नांगलोई

    मध्यम वर्ग महंगाई के साथ शिक्षा व स्वास्थ्य का भार सर्वाधिक पड़ता है। सरकार कोई भी हो, उसे अच्छा स्वास्थ्य मुहैया कराना चाहिए और शिक्षा को सस्ता करना चाहिए। सरकार की नीतियों का सबसे अधिक प्रभाव भी इसी वर्ग पर पड़ता है, क्योंकि सबसे ज्यादा राजस्व इसी वर्ग से आता है। इसके बावजूद, इस वर्ग के लिए न कोई राहत योजनाएं बनाई जाती हैं और न ही कोई सब्सिडी दी जाती है। हर ओर से दबाव में, यह वर्ग अमीर और गरीब के बीच पिसता रहता है। मध्यम वर्ग की समस्याएं अनसुनी रह जाती हैं, जबकि वह देश की रीढ़ है।

    कमलदीप प्रजापति, व्यवसायी, नजफगढ़

    दिन ब दिन बढ़ती महंगाई के कारण क्रय शक्ति में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है एवं बच्चों की शिक्षा के बढ़ते व्यय के कारण अपने ऊपर होने वाले खर्चों में कटौती करनी पड़ती है। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए टैक्स स्लैब में रियायत बरती जानी चाहिए ताकि महंगाई और टैक्स की दोहरी मार हमे न झेलनी पड़े।

    नीता ठाकुर, अशोक विहार, रिस्क मैनेजमेंट कंसल्टेंट एलआईसी

    स्वास्थ्य और शिक्षा माध्यम वर्ग के लिए जरूरी हैं। स्वजन के बजट का बड़ा हिस्सा इसी में खर्च हो जाता है। सरकार ऐसी होनी चाहिए जो बुनियादी सुविधाओं का ख्याल रखते हुए हमें इन चिंताओं मुक्त रखे।

    ओपी सत्संगी, सरिता विहार।

    पहले कम पैसों में गुजारा इसलिए हो पाता था, क्योंकि बच्चों को पढ़ाने में या इलाज में उतना खर्च नहीं करना पड़ता था। अब तो एक से दो बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलानी हो तो माध्यम के लिए इससे बड़ा कोई बोझ नहीं है।

    दिनेश कुमार पुरी, सरिता विहार।

    यह भी पढ़ें: Delhi Chunav: केजरीवाल पर फिर हमला, 'दिल्ली पुलिस ने गाड़ी पर कराया अटैक'; क्या बोली AAP

    comedy show banner