Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi News: मेटकाफ हाउस चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने की योजना में अड़चन, जानें वजह

    By V K Shukla Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 21 May 2025 11:04 PM (IST)

    दिल्ली के मेटकाफ हाउस चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने की योजना में अड़चन आई है क्योंकि उसी जगह से एनसीआरटीसी का नमो भारत कॉरिडोर गुजरना है। दिल्ली सरकार डबल ...और पढ़ें

    Hero Image
    दिल्ली के मेटकाफ हाउस चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने की योजना में अड़चन आई है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली में मेटकाफ हाउस क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर बनाने की लोक निर्माण विभाग की योजना में पहली बाधा आ गई है, क्योंकि एनसीआरटीसी की सराय काले खां से करनाल नमो भारत परियोजना का कॉरिडोर उसी जगह से गुजरना है, जहां फ्लाईओवर बनाया जाना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह बात तब सामने आई, जब एनसीआरटीसी ने अपने कॉरिडोर के लिए दिल्ली सरकार से एनओसी मांगी। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों परियोजनाएं जन कल्याण के लिए हैं और यहां डबल डेकर कॉरिडोर बनाकर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

    आपको बता दें कि पिछले महीने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने घोषणा की थी कि सिविल लाइंस ट्रॉमा सेंटर और डीआरडीओ कार्यालय के पास छह लेन का फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य मेटकाफ हाउस टी-जंक्शन पर भीड़भाड़ को कम करना था, जहां आउटर रिंग रोड और हेडगेवार रोड मिलते हैं।

    पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक, नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां आईएसबीटी और हरियाणा के करनाल के बीच बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि नमो भारत की इस कॉरिडोर योजना पर काम हाल ही में आगे बढ़ा है और एनसीआरटीसी ने इस कॉरिडोर के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा है। इसलिए, हमें मेटकाफ हाउस फ्लाईओवर की मौजूदा योजना की व्यवहार्यता देखनी होगी।

    अधिकारी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण के लिए एक और व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने फ्लाईओवर के निर्माण के लिए टेंडर जारी करने से परहेज किया है। इस साल की शुरुआत में मुख्य सचिव ने फ्लाईओवर के लिए व्यवहार्यता अध्ययन को मंजूरी दी थी।

    हालांकि, एनसीआरटीसी के सूत्रों ने कहा कि फ्लाईओवर योजना को मंजूरी मिलने से काफी पहले ही उनके कॉरिडोर की योजना बना ली गई थी। सूत्रों ने पुष्टि की, "हमने नमो भारत कॉरिडोर के लिए आवश्यक अनुमति के लिए राज्य सरकार से संपर्क किया है।"

    एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि चूंकि दोनों परियोजनाएं जन कल्याण के लिए हैं, इसलिए बीच का रास्ता निकालना होगा। 680 मीटर लंबे छह लेन वाले फ्लाईओवर के नीचे बैक-टू-बैक यू-टर्न बनाने का प्रस्ताव सिविल लाइंस और आसपास के इलाकों में यातायात की भीड़ को कम करने और हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे उत्तरी राज्यों की ओर अंतर-राज्यीय आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए बनाया गया था।

    यह भी पढ़ें: खुशखबरी! दिल्ली वालों पर नहीं लगेगा यूजर चार्ज, MCD ने लगाई रोक; पहले के भी होंगे वापस