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    Mercedes Benz को कंज्यूमर कोर्ट से झटका, ग्राहक को लौटानी होगी इलेक्ट्रिक कार EQS580 की पूरी कीमत

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 07:35 PM (IST)

    दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने मर्सिडीज बेंज को खरीदार को पूरी कीमत लौटाने का आदेश दिया। मर्सिडीज ईक्यूएस580 मॉडल में खराबी आने के कारण कंपनी ठीक करने में विफल रही। आयोग ने माना कि गाड़ी में निर्माण संबंधी खराबी थी। 1.78 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया गया जिसमें कार की कीमत बीमा और लोन पर ब्याज शामिल है। मानसिक उत्पीड़न के लिए पांच लाख और देने होंगे।

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    ग्राहक काे आयोग ने 1.78 करोड़ रुपये लौटाने का दिया आदेश।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने मर्सिडीज बेंज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसके अधिकृत डीलर ग्लोबल स्टार ऑटो एलएलपी को खरीदार को पूरी कीमत लौटाने का आदेश दिया है।

    आयोग ने माना कि मर्सिडीज EQS580 माॅडल की इलेक्ट्रिक कार खरीदने के कुछ ही माह के भीतर लगातार खराबी सामने आई और कंपनी इन्हें ठीक करने में असफल रही।

    आयोग ने माना कि वाहन में निर्माण संबंधी खराबी थी और कंपनी ने उपभोक्ता को संतोषजनक समाधान नहीं दिया। आयोग ने कहा कि चूंकि इक्यूएस580 माॅडल अब भारत में बंद हो चुका है, इसलिए वाहन बदलने की बजाय खरीदार को पूरी राशि लौटानी होगी।

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    बेंच ने आदेश दिया कि शिकायतकर्ता को कुल 1.78 करोड़ रुपये लौटाए जाएं, जिसमें कार की कीमत, बीमा, टैक्स और लोन पर ब्याज शामिल है। इसके अलावा मानसिक उत्पीड़न और परेशानी के लिए पांच लाख व मुकदमेबाजी खर्च के लिए 50 हजार भी अलग से देने होंगे।

    शिकायतकर्ता सामरन मीडिया कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने नवंबर 2022 में यह गाड़ी खरीदी थी। शिकायतकर्ता की शिकायत थी कि छह माह के अंदर ही गाड़ी की लिथियम बैटरी पैक बदलनी पड़ी।

    एयर कंडीशनिंग बार-बार खराब हुई, रडार सेंसर और साफ्टवेयर में भी गड़बड़ियां सामने आईं। कई बार वर्कशाप में ले जाने के बावजूद समस्याएं जस की तस बनी रहीं।

    बचाव पक्ष ने दलील दी कि वाहन कंपनी के नाम पर खरीदा गया है, इसलिए यह व्यावसायिक प्रयोजन के दायरे में आता है और आयोग का क्षेत्राधिकार नहीं है।

    लेकिन आयोग ने कहा कि गाड़ी निदेशक के व्यक्तिगत उपयोग के लिए ली गई थी, व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं, इसलिए शिकायतकर्ता उपभोक्ता की परिभाषा में आता है।

    साथ ही वाहन दिल्ली में खरीदा, डिलीवर और सर्विस हुआ था, इसलिए आयोग का अधिकार क्षेत्र भी दिल्ली में बनता है।

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