Monkeypox Medicine: मंकीपाक्स के लिए नहीं है दवा, बस सतर्कता ही है बचाव, जानें कैसे फैलती है बीमारी
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन एवं प्रशिक्षण के उपायुक्त डा. सुशील विमल ने बताया कि मंकीपाक्स बीमारी पीड़ित जानवर या व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के बाद मंकीपाक्स भारत समेत पूरे विश्व के लिए नया संकट बन चुका है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन एवं प्रशिक्षण के उपायुक्त डा. सुशील विमल ने बताया कि मंकीपाक्स बीमारी पीड़ित जानवर या व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूड के संपर्क में आने से फैलती है। यह वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह से मानव शरीर में प्रवेश करता है।
मंकीपाक्स के लिए अलग से नहीं है कोई दवा
बुखार, सिर दर्ज, बदन दर्द, शरीर के कई अंगों पर लाल दाने और कमजोरी इसके मुख्य लक्षण हैं। डा. विमल ने बताया कि मंकीपाक्स के लिए अलग से कोई दवा या विशेष उपचार नहीं है। इससे बचाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नियमावली का पालन करना ही ठीक है। इसमें मंकीपाक्स से संक्रमित होने या लक्षण नजर आने पर सबसे पहले डाक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
डेंगू के 11 नए मरीजों की पुष्टि
इधर, मच्छरजनित बीमारियों का लगातार प्रकोप बढ़ रहा है। इसी कड़ी में एक सप्ताह में डेंगू के 11 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इससे डेंगू के कुल मरीजों की संख्या इस वर्ष 189 हो गई है। निगम की रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया के भी एक मरीज की पुष्टि एक सप्ताह में हुई है। इससे इस वर्ष मलेरिया के मरीजों की कुल संख्या 40 हो गई है।
नहीं मिला है चिकनगुनिया का कोई मरीज
राहत की बात है कि चिकनगुनिया का कोई मरीज बीते सप्ताह में सामने नहीं आया है। चिकनगुनिया के कुल मरीजों की संख्या इस वर्ष अब तक 13 हो चुकी है। राहत की बात यह भी है कि इस वर्ष मच्छरजनित बीमारियों से किसी की जान नहीं गई है।

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