दिल्ली में ई-कचरे के समाधान के लिए एमसीडी की नई योजना, घर से लेकर जाएंगे और बैंक खाते में होगा भुगतान
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) शहर में ई-कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए एकीकृत एजेंसियां नियुक्त करेगा। नागरिकों से ऑनलाइन आवेदन पर उनके घरों से ई-कचरा उठाया जाएगा और भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। पहले विभिन्न निगमों ने अलग-अलग एजेंसियां नियुक्त की थीं लेकिन अब एमसीडी ने पूरी दिल्ली के लिए एक एकीकृत प्रणाली बनाने का फैसला किया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली में ई-कचरे का Scientific तरीके से निस्तारण करने के लिए दिल्ली भर के लिए एकीकृत एजेंसियां एमसीडी नियुक्त करेगी।
पूर्वकालिक निगमों की एजेंसियों के साथ करार होने पर निगम ने यह निर्णय लिया है। एजेंसियों के नियुक्ति के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
इसमें यह एजेंसियां नागरिकों के ऑनलाइन आवेदन पर उनके घर से ई-कचरे को उठाएंगी और उसके एवज में उनके बैंक खाते में तय राशि को जारी करेगी।
पूर्व महापौर और स्थायी समिति की सदस्य नीमा भगत ने पिछले दिनों स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था।
लैंडफिल साइट पर जा रहा था ई-कचरा
नीमा भगत का कहना था कि ई-कचरे से संबंधित एजेंसियों का करार खत्म होने के चलते कूड़े में मिलकर ई- कचरा जा रहा है। इससे लैंडफिल साइट पर भी ई कचरा जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि इसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण हो।
नीमा भगत के सवाल पर अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि पूर्वकालिक पूर्वी निगम ने दो एजेंसिया ई-कचरे के एकत्रीकरण और निस्तारण के लिए नियुक्त कर रखी थी। इनका करार खत्म हो गया था तो इसलिए अब नए सिरे से एजेंसियों को नियुक्त किया जाएगा।
निगम अधिकारियों के मुताबिक चूंकि अब निगम एकीकृत है इसलिए पूरी दिल्ली में एमसीडी इलाके के लिए यह एजेंसिया काम करें इसमें करार किया जाएगा। नागरिकों को वेबसाइट या एमसीडी 311 एप के माध्यम से ई-कचरे की बिक्री की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
नागरिकों के बैंक खाते में आएगी राशि
इसमें पुराने मोबाइल से लेकर लैपटाप, वाशिंग मशीन, टेलिविजन, कंप्यूटर, माउज, की-बोर्ड संबंधी 200 से अधिक वस्तुएं होती है जिनको नागरिक बेच सकते हैं।
इसका नगद भुगतान नहीं होता है नागरिकों के खाते में यह राशि आती है। उल्लेखनीय है कि मई 2021 से लेकर जून 2024 तक निगम को 1180 आर्डर ई-कचरे के एकत्रीकरण के मिले थे।
इसमें 2548 किलो ई-कचरे को निस्तारित किया गया है। इसमें 11. 60 लाख रुपये का भुगतान ई-कचरा बेचने वालों को हुआ है।
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