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    दिल्ली में हर साल 1 लाख कुत्तों का बंध्याकरण फिर भी बढ़ रही संख्या, NGO देंगे जवाब, MCD करेगा भुगतान में कटौती

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 08:40 PM (IST)

    दिल्ली में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या से चिंतित एमसीडी ने बंध्याकरण करने वाले एनजीओ पर शिकंजा कसने का फैसला किया है। लापरवाही पाए जाने पर जुर्माना लगेगा। नए नियमों के अनुसार रेबीज से मौत होने पर एजेंसी पर 10% तक जुर्माना लगाया जाएगा और बंध्याकरण के बाद भी बच्चे होने पर 2% जुर्माना लगेगा। एमसीडी बंध्याकरण केंद्रों की संख्या भी बढ़ाएगी ताकि कुत्तों की संख्या को नियंत्रित कर सके।

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    हर साल 1 लाख कुत्तों का बंध्याकरण फिर भी बढ़ रही संख्या, NGO देंगे जवाब, MCD करेगा भुगतान में कटौती

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हर वर्ष एक लाख से अधिक आवारा कुत्तों के बंध्याकरण के बाद भी उनकी संख्या में कमी न आने की वजह से एमसीडी अब इसको गंभीरता से ले रहा है। अब बंध्याकरण करने वाले एनजीओ पर अब शिकंजा कसा जाएगा। लापरवाही पाने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। एमसीडी ने बंध्याकरण सेंटर पर बंध्याकरण करने वाले एनजीओ की जवाबदेही बढ़ाने के लिए नियमों में संशोधन करके जुर्माने के प्रविधान करने का निर्णय लिया है। इन प्रविधानों अगामी स्थायी समिति की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। अब तक इन एजेंसियों की कोई जवाबदेही नहीं होती थी।

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    वार्ड में गड़बड़ी की जिम्मेदारी वहां की एजेंसी पर

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वैसे भी राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों के बंध्याकरण पर जोर देने के लिए कहा गया है। इसी के तहत बंध्याकरण को लेकर कुछ बदलाव करने की तैयारी की जा रही है।  प्रस्तावित नियमों के तहत...

    • अगर किसी आवारा कुत्ते को रेबीज होता है या फिर से उसके काटने से किसी व्यक्ति की रेबीज से मृत्यु होती है तो उस वार्ड की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसी के वार्षिक भुगतान का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। दरअसल, दिल्ली में वार्ड के अनुसार कुत्तों के बंध्याकरण आदि की जिम्मेदारी अलग-अलग एजेंसियों को सौंपी गई है।
    • इसके साथ ही बंध्याकरण करने के बाद आवारा कुत्तें में माइक्रोचिप लगाई जाएगी। फिर भी अगर बंध्याकृत कुत्ते के बच्चे होते हैं तो बंध्याकरण करने वाली एजेंसी या स्वयंसेवी संस्था पर उसके वार्षिक भुगतान का दो प्रतिशत जुर्माना भी लगाया जाएगा।
    • स्थायी समिति में निगमायुक्त द्वारा आने वाले प्रस्ताव के अनुसार, आवारा कुत्तों के बंध्याकरण और टीकाकरण में लगे स्वयंसेवी संगठनों और एजेंसियों की जवाबदेही बढ़ाई जाएगी। उन्हें बंध्याकरण के बाद सीसीटीवी से रिकॉर्डिंग भी जांचनी होगी। 

    नियमानुसार की जाएएगी कटौती

    उल्लेखनीय है कि फिलहाल दिल्ली में एक आवारा कुत्ते के बंध्याकरण पर 900-1000 रुपये की राशि एमसीडी द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रदान की जाती है। निगम द्वारा प्रस्तावित नियमों के तहत अगर नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो एजेंसियों की भुगतान राशि में नियमानुसार कटौती की जाएगी। 

    बंध्याकरण में मादा को दें प्राथमिकता

    एमसीडी के प्रस्ताव के अनुसार बंध्याकरण में आवारा मादा कुत्तों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि न हो। दैनिक जागरण को प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार एमसीडी हर वर्ष 13 करोड़ से अधिक की राशि आवारा कुत्तों के बंध्याकरण पर खर्च करती है। चूंकि दिल्ली में एक लाख से अधिक आवारा कुत्तों का बंध्याकरण हो रहा है लेकिन इसके परिणाम जमीनी स्तर पर नहीं दिखाई देते हैं।

    4.25 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित

    सरकारी कार्यालयों से लेकर रिहायशी इलाकों और बाजारों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती ही दिखाई देती है। ऐसे में निगम के पशु चिकित्सा विभाग ने वित्त वर्ष 2025-26 में 1.35 लाख आवारा कुत्तों के बंध्याकरण का लक्ष्य लेते हुए 13.5 करोड़ की राशि व्यय करने की स्वीकृति मांगी है। मार्च से जून के बीच तक अब तक 42761 आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया जा चुका है, जिसका 4.25 करोड़ रुपये का भुगतान एजेंसियों का लंबित है।

    बंध्याकरण सेंटरों की बढ़ेगी संख्या 

    एमसीडी आवारा कुत्तों के बंध्याकरण की गति बढ़ाने के लिए इन केंद्रों की संख्या भी बढ़ाने पर काम कर रही है। अभी तक 20 बंध्याकरण केंद्र चल रहे हैं। ऐसे में इन केंद्रों की संख्या बढ़ाने और बंध्याकरण तेजी से करने के लिए भी अतिरिक्त बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। जहां आवारा कुत्तों के बंध्याकरण, टीकाकरण के साथ माइक्रोचिप भी लगाई जाएगी।

    कुत्तों के बंध्याकरण की स्थिति

    वित्त वर्ष बंध्याकरण
    2019-20 99,997
    2020-21 51,990
    2021-22 83,416
    2022-23 59,022
    2023-34 79,959
    2024-25 1,31,137
    2025-26 42,761

    (समस्त आंकड़े जून 2025 तक)

    एक नजर व्यवस्था पर

    • 20 बंध्याकरण केंद्र अभी दिल्ली में है
    • 500 कुत्तों का प्रतिदिन बंध्याकरण करने की क्षमता है दिल्ली नगर निगम में है
    • 57 वार्ड  में निगम पूरा कर चुका हैं 80 प्रतिशत तक बंध्याकरण
    • 900 रुपये प्रति कुत्ते का अभी बंध्याकरण का शुल्क निर्धारित है। अगर एमसीडी एनजीओ को कुत्ता पकड़कर देगी या एनजीओ खुद पकड़कर लाती है तो उसका शुल्क 1000 रुपये है।

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