Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रॉपर्टी टैक्स पर कोई छूट नहीं, MCD ने बताया AAP का दावा गलत; नहीं चुकाने वालों को मिलेगी ये सजा

    By Nihal Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Fri, 28 Feb 2025 10:28 PM (IST)

    एमसीडी ने संपत्ति कर में छूट की घोषणा को गलत बताया है। निगम ने कहा है कि चालू और आगामी वित्त वर्ष में संपत्ति कर की दरें समान रहेंगी। सभी संपत्ति मालिकों और कब्जाधारियों को मौजूदा कानूनों के अनुसार संपत्ति कर का भुगतान करना आवश्यक है। संपत्ति कर में कोई छूट नहीं दी गई है। कर नहीं देने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    Hero Image
    एमसीडी ने संपत्ति कर पर छूट की घोषणा को गलत बताया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में संपत्ति कर में छूट की घोषणा को आप ने गलत बताया है। इस संबंध में निगम ने इंटरनेट मीडिया पर चल रही खबरों का खंडन किया है।

    क्या रहेगी टैक्स की दरें?

    निगम ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 और आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में संपत्ति कर की दरें एक समान रहेंगी। निगम ने इस संबंध में कोई संशोधन नहीं किया है। साथ ही बजट में अधिसूचित कर की दर भी वही है। जिसे 13 फरवरी को सदन ने मंजूरी दे दी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संपत्ति कर का भुगतान करना आवश्यक

    निगम की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि एमसीडी विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर संपत्ति कर छूट के संबंध में प्रसारित की जा रही गलत सूचना पर स्पष्टीकरण देती है कि सभी संपत्ति मालिकों और कब्जाधारियों को मौजूदा कानूनों के अनुसार संपत्ति कर का भुगतान करना आवश्यक है।

    कुछ मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर संपत्ति कर छूट के संबंध में किए जा रहे दावे पूरी तरह से झूठे हैं, क्योंकि संपत्ति कर में कोई छूट नहीं दी गई है।

    निगम के प्रेस एवं सूचना विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि इस संबंध में नागरिकों की ओर से कई सवाल आ रहे हैं। इसमें लोग चालू वर्ष का संपत्ति कर जमा करने या न जमा करने के बारे में जानकारी मांग रहे हैं। इसमें निगम स्पष्ट करता है कि कर देना अनिवार्य है।

    14 हजार करोड़ से अधिक की देनदारियां

    अगर कोई कर नहीं देता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। निगम ने यह भी बताया कि वह इस समय गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें 14 हजार करोड़ से अधिक की देनदारियां शामिल हैं। इसमें नगर निगम कर्मचारियों के वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ और ठेकेदारों के बकाए का भुगतान भी शामिल है।

    अगर निगम की वित्तीय स्थिरता और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की गई तो सफाई, सड़कें, गलियां और जलनिकासी व्यवस्था और आवश्यक नागरिक सेवाओं को बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।

    सदन में प्राइवेट मेंबर बिल पारित

    उल्लेखनीय है कि आप ने हाल ही में निगम सदन में प्राइवेट मेंबर बिल पारित कर विभिन्न श्रेणियों में संपत्ति कर में छूट का प्रस्ताव पारित करने की घोषणा की थी। इसमें सौ गज या इससे कम की सभी संपत्तियों पर संपत्ति कर माफी की घोषणा की गई थी।

    यह भी पढ़ें : Delhi Riots: कपिल मिश्रा को गलत तरीके से फंसाने की रची गई थी साजिश: दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया