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    दिल्लीवालों को अब आवारा कुत्तों से मिल जाएगी राहत! MCD इस दिन से चलाएगी विशेष अभियान

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 06:30 AM (IST)

    एमसीडी 5 अगस्त से आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण का विशेष अभियान शुरू करेगा। इससे पहले 12 क्षेत्रों में एक महीने की पायलट परियोजना चलेगी जिसमें 70-80% कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य है। स्थायी समिति ने आरडब्ल्यूए और एनजीओ से परामर्श के बाद कार्य योजना बनाने का निर्णय लिया है। प्रत्येक नसबंदी केंद्र पर कुत्तों के लिए आश्रय भी बनाया जाएगा।

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    कुत्तों के बंध्याकरण के लिए पांच अगस्त से एमसीडी का विशेष अभियान। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एमसीडी पांच अगस्त से आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण का महाभियान शुरू करने जा रहा है। इसके पूर्व 12 निर्वाचन क्षेत्रों में माहभर पायलट परियोजना चलेगी। जिसमें कोशिश होगी कि करीब 70 से 80 प्रतिशत तक आवारा कुत्तों की नसबंदी कर दी जाए।

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    शहर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा के निर्देशों के तहत गठित समिति की बुधवार को हुई पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया।

    बैठक बाद समिति के प्रमुख सुंदर सिंह तंवर ने बताया कि विभाग को आरडब्ल्यूए, कुत्ता प्रेमियों, गैर सरकारी संगठनों समेत मामले से जुड़े लोगों से परामर्श कर कार्य योजना तैयार करने को एक माह का वक्त दिया गया है।

    इसे लेकर सोमवार को अगली बैठक भी होगी, जिसमें एनजीओ के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। जबकि, पशु चिकित्सा विभाग के उप निदेशकों को कुछ दिनों में 12 निर्वाचन क्षेत्रों के नाम प्रस्तुत करने को कहा गया है।

    समिति के सदस्य और श्रीनिवासपुरी से पार्षद राजपाल सिंह ने बताया कि 20 नसबंदी केंद्रों में से प्रत्येक में एक कुत्ता आश्रय स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि जहां गुस्सैल और आदतन काटने वाले कुत्तों को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि

    मौजूदा पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023, कुत्तों को 10 दिनों से अधिक समय तक रखने की अनुमति नहीं देता है, इसलिए हम प्राथमिकता के आधार पर मानदंडों में संशोधन के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे। इस बीच, गैर सरकारी संगठनों को पालतू कुत्तों को रखने के लिए जगह देने की अनुमति दी जाएगी।

    अधिकारियों ने बताया कि पिछला सर्वेक्षण 2022-23 में किया गया था और तब कुत्तों की आबादी 10 लाख आंकी गई थी। 2023 में, 4.68 लाख आवारा कुत्तों की नसबंदी की गई है। इसी तरह, डीडीए से हस्तांतरित एक भूखंड को जल्द ही कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे नसबंदी केंद्रों की कुल संख्या 21 हो जाएगी।

    मौजूदा समय में एमसीडी में 20 नसबंदी केंद्र हैं और उनका संचालन 13 गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि इनमें प्रतिदिन 10 हजार कुत्तों की नसबंदी और उन्हें रेबीज-रोधी टीके लगाने की क्षमता है।

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कुत्तों के हमलों से होने वाले रेबीज के मामलों को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की है। जिसके बाद से एमसीडी भी सक्रिय हुआ है।