दिल्ली में सिर्फ Missed Call से दूर होंगी प्रॉपर्टी टैक्स की दिक्कतें, MCD शुरू करने जा रहा है कॉल सेंटर
एमसीडी संपत्तिकर से राजस्व बढ़ाने के लिए कॉल सेंटर शुरू करेगी जहाँ शिकायतों का समाधान और कर जमा करने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा। कॉल सेंटर दो महीने में शुरू हो सकता है। एमसीडी ने संपत्तिकर आंकलन के लिए कैलकुलेटर भी जारी किया है जिससे नागरिक आसानी से कर का पता लगा सकते हैं। इसका उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और नागरिकों का विश्वास मजबूत करना है।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। संपत्तिकर से राजस्व बढ़ाने के लिए एमसीडी निजी कंपनियों की तर्ज पर काॅल सेंटर शुरू करने जा रही है। जहां पर संपत्तिकर से संबंधित न केवल शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान होगा बल्कि लोग संपत्तिकर जमा करने के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।
इसके लिए काॅल सेंटर की रुप रेखा बनाने पर कार्य चल रहा है। सब-कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले दो माह के भीतर यह काॅल सेंटर काम करने लगेगा।
इसमें किन कर्मचारियों और अधिकारियों को लगाया जा सकता है, इसके लिए उनकी पहचान की जा रही है साथ ही काॅल सेंटर कहां पर होगा, इसके लिए भी सिविक सेंटर में स्थान तलाशा जा रहा है।
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जो संपत्तिकर जमा करना चाहते हैं लेकिन उन्हें सही दिशा-निर्देश नहीं मिल पाते हैं। इतना ही नहीं बहुत सारे लोगों मन में सवाल भी होते हैं कि उनकी संपत्ति इस स्थान पर है तो कितना संपत्तिकर लगेगा।
अगर, किराये पर है तो कितना संपत्तिकर लगेगा। इतना ही नहीं नया यूपिक आईडी बनाना है तो कैसे बनाना है। इसके अतिरिक्त कोई नोटिस आया है तो उसका जवाब कहां देना है। ऐसे सभी सवालों के जवाब के लिए यह काॅल सेंटर होगा।
जहां पर टोल फ्री नंबर या फिर एमसीडी के नंबर पर मिस्ड काॅल करनी होगी। निगम के काॅल सेंटर की ओर से संंबंधित व्यक्ति को काॅल जाएगा।
जिसमें संपत्तिकर जमा करने के लिए संपत्ति मालिक की सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे हमारा राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ ही लोगों का निगम की सेवाओं के प्रति विश्वास भी मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि जब निजी कंपनियां ऐसा कर सकती है तो हम सरकारी विभाग क्यों नहीं कर सकते। अधिकारी ने बताया कि काॅल सेंटर में जो कर्मचारी काम करेंगे वह एमसीडी के ही कर्मचारी होगी। किसी निजी कंपनी से नहीं लिए जाएंगे क्योंकि यह वित्त और राजस्व से जुड़ा मामला है।
इसलिए हम अपने कर्मचारियों को ही इसके लिए प्रशिक्षित करेंगे। हां यह हो सकता है इसमें हम सेवानिवृत्त कर्मचारियो को इसमें जोड़े क्योंकि उन लोगों को संपत्तिकर की भी गहन जानकारी है।
उल्लेखनीय है कि निगम ने संपत्तिकर से राजस्व का लक्ष्य पिछले कई वर्षों से 4000 करोड़ का लक्ष्य रखा है लेकिन निगम को औसतन दो हजार करोड़ ही राजस्व आ रहा है इसको देखते हुए निगम अपना राजस्व बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रयास कर रहा है।
एमसीडी ने बनाया संपत्तिकर आंकलन का कैलकुलेटर
एमसीडी के संपत्तिकर विभाग ने लोगों से संपत्तिकर लेने के लिए प्रक्रिया काफी सरल किया है। एमसीडी ने संपत्तिकर का आंकलन करने के लिए कैलकुलेटर भी एमसीडी की वेबसाइट पर जारी किया है। इसमें नागरिक बस चार- से पांच जानकारी देकर अपना संपत्तिकर पता कर सकते हैं।
इसके बाद मुख्य पोर्टल पर जाकर उसी अनुरूप संपत्तिकर जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग संपत्तिकर की तकनीकी भाषा को समझ नहीं पाते थे लेकिन कैलकुलेटर इसे समझने में आसान कर देगा।
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