MCD Budget Session: निगम के बजट सत्र के दौरान हंगामा, बैठक स्थगित; नेताओं ने एक-दूसरे पर लगाए ये आरोप
दिल्ली नगर निगम के वर्ष 2024-25 के संशोधित बजट अनुमान और 2025-26 के बजट अनुमान आज पारित होने की उम्मीद है। दोपहर करीब दो बजे नगर निगम सदन की बैठक में हंगामा हो गया। कांग्रेस पार्षदों ने संविधान की हत्या का आरोप लगाया था। नेता सदन ने बजट नहीं पढ़ा और उन्होंने कहा कि बजट को पढ़ा हुआ ही माना जाए।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के वर्ष 2024-25 के संशोधित बजट अनुमान और 2025-26 के बजट अनुमान आज पारित होने की उम्मीद है। नगर निगम सदन की विशेष बैठक में नेता सदन मुकेश गोयल इस बजट को पारित कराएंगे।
दोपहर करीब दो बजे नगर निगम सदन की बैठक में हंगामा हो गया। कांग्रेस पार्षदों ने संविधान की हत्या का आरोप लगाया था। नेता सदन ने बजट नहीं पढ़ा और उन्होंने कहा कि बजट को पढ़ा हुआ ही माना जाए।
बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित
वहीं, बीजेपी पार्षद मेयर की सीट पर चढ़ गए। सदन की बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दिल्ली के मेयर महेश कुमार ने कहा, "आज बजट का आखिरी दिन था। आपने देखा कि बीजेपी पार्षदों ने हंगामा किया। उन्होंने दो साल तक हंगामा किया। उन्होंने मुझे कुर्सी से उतारने की कोशिश की। हमारी पार्षद उषा शर्मा के हाथ में चोट लग गई। हम उनकी निंदा करते हैं।"
विपक्ष ने सदन में हंगामा किया
निगम में सदन के नेता मुकेश गोयल ने कहा, "विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। उन्होंने दो साल तक सदन की बैठक नहीं होने दी। 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी ये लोग पार्षदों को तोड़ रहे हैं। आज उन्होंने सदन की गरिमा का कोई ध्यान नहीं रखा। एक महिला पार्षद घायल हो गई हैं। हम निगम कर्मचारियों के हित के लिए काम कर रहे हैं।"
मेयर की निधि 500 करोड़ करने पर उठे सवाल
वहीं, मेयर की विवेकाधीन निधि 500 करोड़ करने पर भी विभाग के अधिकारियों ने सवाल उठाए हैं, क्योंकि यह निधि पार्कों के रखरखाव और सड़कों व गलियों के निर्माण के लिए रखी गई थी। जिसे मेयर ने अपनी विवेकाधीन निधि बना लिया था।
गौरतलब है कि भाजपा ने बजट में संशोधन के लिए 23 और आप ने 10 प्रस्ताव रखे हैं। आप की ओर से नेता प्रतिपक्ष और नेता सदन का बजट बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। गौरतलब है कि 13 फरवरी को नगर आयुक्त अश्विनी कुमार ने नगर निगम सदन में 17 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।
इस पर दो दिन तक चर्चा के बाद आज इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। 238 पार्षदों में से भाजपा के पास अभी 117 पार्षद हैं और आप के पास 113 और कांग्रेस के पास आठ पार्षद हैं।
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