Mayor Election Live: महापौर के चुनाव की मतगणना शुरू, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने डाला वोट
Delhi Mayor Election राजधानी दिल्ली में आज यानी बृहस्पतिवार को महापौर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। महापौर और उपमहापौर के चुनाव के लिए निगम मुख ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Mayor Election दिल्ली में आज यानी बृहस्पतिवार को महापौर चुनाव हो रहा है। निगम सदन की बैठक शुरू हो गई है। सत्या शर्मा ने फिर से आसन ग्रहण कर लिया है। महापौर चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने अपना वोट डाल दिया है। भाजपा सांसदों ने भी वोट डाले।
सत्या शर्मा ने कहा कि जो सदस्य मोबाइल लेकर आए हैं वो बाहर रख दें। नहीं तो वो वोट रद्द कर देंगी। कांग्रेस ने आप का विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि आप ने चुनाव में देरी कराई है।

(सदन में हंगामा करते भाजपा पार्षद। (चंद्रप्रकाश मिश्रा)
मतदान का समय अब लगभग पूरा होने वाला है। पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा वोट डाल रही है। इसके बाद मतगणना कराई जाएगी। आप राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल अनुपस्थित रही। महापौर चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है।
वहीं, इस दौरान कांग्रेस के पार्षद महापौर के आसन के पास पहुंच गए। कांग्रेस पार्षदों ने केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस ने चुनाव से वाकआउट किया है।
इससे पहले सदन में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही हंगामा खड़ा हो गया था। क्योंकि प्रतिबंध के बावजूद आप विधायक अजय दत्त सदन में मोबाइल लेकर पहुंचे। इसको लेकर भाजपा नेताओं ने सदन में हंगामा कर दिया।
बैठक की अध्यक्षता पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा कर रहे हैं। वहीं, निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में होने वाली सदन की बैठक में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही हंगामा खड़ा हो गया।
तैनात हैं अर्द्धसैनिक बलों के जवान
बताया गया कि बैलेट पेपर के माध्यम से पार्षद और अन्य सदस्य वोट डालेंगे। मतदान में कोई झगड़ा न हो, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों के जवान भी तैनात हैं। मतदान के लिए केवल पार्षदों को और चुनाव से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को ही निगम मुख्यालय के ए ब्लाक में प्रवेश मिलेगा, जबकि पार्षदों के साथ कार्यकर्ताओं और अन्य परिवार के सदस्यों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। साथ ही सभी सदस्यों की सदन में प्रवेश से पहले जांच भी होगी।
महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए पार्षद के साथ ही निगम में नामांकित विधायकों के साथ ही राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य भी हिस्सा लेते हैं, जबकि एल्डरमैन को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है।
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उल्लेखनीय है कि एमसीडी में हर वर्ष अप्रैल महापौर चुनाव का प्रविधान है। पहला वर्ष महिला पार्षद को महापौर बनाने के लिए आरक्षित होता है, जबकि तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षद को महापौर बनाने के लिए आरक्षित होता है। यह तीसरे वर्ष का चुनाव है। निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता है।
भाजपा के पास नहीं है बहुमत फिर भी लगा रही हैं दांव
दिल्ली नगर निगम के महापौर चुनाव में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। इसके बावजूद भाजपा ने दांव लगाया है। भाजपा ने अपने महापौर पद के लिए प्रत्याशी उतारा है, जबकि उप महापौर पद पर भी प्रत्याशी उतारा है। अब सत्या शर्मा के पीठासीन अधिकारी बन जाने की वजह से आप पार्षदों की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि जनवरी 2023 में भाजपा जब चुनाव जीतना चाहती थी तब भी सत्या शर्मा पीठासीन अधिकारी थीं।
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उन्होंने पीठासीन अधिकारी होते हुए एल्डरमैन तक वोट डालने का आदेश दे दिया था। हालांकि, वह हो नहीं पाया। उसके बाद अप्रैल 2023 में हुए महापौर के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया था। उस समय आप पार्षद मुकेश गोयल पीठासीन अधिकारी थे। दोनों दलों ने बुधवार की रात तक अपने पार्षदों के संपर्क में रहने और वरिष्ठ पार्षदों से निगरानी कराने का कार्य कराया।
महापौर पद के प्रत्याशी
महेश कुमार (आप) (वार्ड संख्या 84, देव नगर)
कृष्ण लाल( (भाजपा) (वार्ड संख्या 62 , शकूरपुर)
उप महापौर पद के प्रत्याशी
रवींद्र भारद्वाज (आप) (वार्ड संख्या 41- अमन विहार)
नीता बिष्ट (भाजपा) (वार्ड संख्या, 247 सादतपुर)
सदन के अंदर मौजूद बाक्स से निगम ने हटा दिया पर्दा
अब पर्दे के पीछे नहीं, बल्कि खुले बाक्स में होगा मतदान महापौर चुनाव में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए निगम ने बड़ा कदम उठाया है। सदन के अंदर मौजूद बाक्स से निगम ने पर्दा हटा दिया है। खुले बाक्स में सदस्य बैलेट पेपर लेकर जाएंगे और अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे। पहले सदन में रखे यह बाक्स पर्दे युक्त होते थे। साथ ही इतने ऊंचे होते थे कि अंदर वोट डालने वाले व्यक्ति को देखा भी नहीं जा सकता था। अब निगम ने ऐसी व्यवस्था की है कि मत तो गोपनीय रहेगा, लेकिन मतदान करने वाले हर सदस्य की प्रत्येक गतिविधि को सभी पार्षद देख सकेंगे।
किसके पास हैं कितने सदस्य
भाजपाः 122 (114 पार्षद, एक विधायक, सात लोकसभा सदस्य)
आप- 143 (127 पार्षद, 13 विधायक, तीन राज्यसभा सदस्य)
कांग्रेसः 8

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