'मंदिर तोड़कर नहीं बनाई... भरोसा है सर्वे में मस्जिद ही निकलेगी', ज्ञानवापी-राम जन्मभूमि पर मौलाना अरशद मदनी का बयान
ज्ञानवापी मस्जिद और श्रीराम जन्मभूमि के मामले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हर मस्जिद अपनी जगह पर है। मस्जिद को किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सर्वे कराने में हमें कोई हर्ज नहीं हैं। हमें पूरा यकीन है कि सर्वे में मस्जिद की निकलेगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद और श्रीराम जन्मभूमि के मामले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में बुधवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हर मस्जिद अपनी जगह पर है। मस्जिद को किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सर्वे कराने में हमें कोई हर्ज नहीं हैं। हमें पूरा यकीन है कि सर्वे में मस्जिद की निकलेगा।
उन्होंने कहा कि यह मुल्क हमारा है। सुप्रीम कोर्ट हमारा है। कोर्ट का जो फैसला होगा, हमें वो मान्य होगा। उन्होंने कहा कि हम बाबरी पर आए फैसले पर खामोश रहे। जबकि यह मस्जिद अपनी जगह थी। हां मंदिर नहीं था। यह स्थान राम का नहीं है। माथुरा का सर्वे होगा। आगे क्या होगा, यह तो हालात बताएंगे। उन्होंने कहा कि 1991 में बने कानून ने मुसलमान को आश्वस्त किया था, इसके बावजूद ज्ञानवापी का मामला कोर्ट पहुंचा। इसपर सभी राजनीतिक दल खामोश रहे। उन्हें इस पर बोलना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने ही इस कानून को बनाया था।
सरकार में एक भी मुस्लिम भागीदारी नहींः मदनी
उन्होंने कहा कि मुसलमान आजादी के बाद परेशानी का शिकार बनते रहे हैं। कांग्रेस की सरकार चली गई। मुसलमानों को जीना सीखना होगा। सरकार में पहले भी मुसलमानों की भागेदारी कम थी। आज एक भी मुस्लिम नहीं है। आखिर ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि अपनी किसी मस्जिद को देकर कहीं और मस्जिद के लिए जगह नहीं लेंगे। हम वहां पर कोई मस्जिद नहीं बनाएंगे। अभी जो मस्जिद है, वहीं पर रहेगा।
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