कुबेरपति बने नक्सली नेता, नोटबंदी के बाद दिल्ली-एनसीआर में खपा दिए करोड़ों रुपये
पूंजीवाद के खिलाफ हिंसक लड़ाई लड़ रहे नक्सल नेता पूंजीपति बन गए हैं। नोटबंदी के बाद करोड़ों रुपये बिल्डरों को दिए गए। अब उनकी जांच हो रही है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। नोटबंदी के बाद आर्थिक तौर पर नक्सलियों को बड़ा झटका लगा। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि नोटबंदी के बाद से नक्सल गतिविधियों में कमी आई है। लेकिन यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि पूंजीवाद के खिलाफ हिंसक लड़ाई लड़ रहे नक्सल नेता पूंजीपति बन गए हैं।
काली कमाई से जुटाई करोड़ों की संपत्ति
बिहार और झारखंड के एक दर्जन नक्सलियों ने दिल्ली समेत देश के कई शहरों में अपनी काली कमाई से करोड़ों की संपत्ति जुटाई है। नोटबंदी के बाद करोड़ों रुपये बिल्डरों को दिए गए। अब उनकी जांच हो रही है। काली कमाई का पता चलते ही नामी-बेनामी संपत्ति जब्त की जाएगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास ऐसा एक प्रस्ताव बिहार पुलिस ने पिछले साल भेजा था। अब उस पर कार्रवाई हो रही है।
गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक
12 जनवरी को दिल्ली में गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था। उसमें देश के विभिन्न नक्सल प्रभावित राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। बैठक में नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने के बिहार मॉडल की सराहना की गई। अन्य राज्यों को इसका अनुपालन करने की सलाह भी दी गई।
दिल्ली-एनसीआर में खपा दिए गए करोड़ों रुपये
बिहार और झारखंड के बड़े नक्सली नेता लेवी के नाम पर रंगदारी वसूलते रहे हैं। नोटबंदी के बाद उनके द्वारा करोड़ों रुपये दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में रियल एस्टेट के बड़े धंधेबाजों के पास खपा दिए गए। ईडी की नजर अब ऐसे बिल्डरों पर है, जिन्होंने किसी वित्तीय संस्थान या बैंक से बिना कर्ज लिए ही पिछले डेढ़-दो वर्षों में निर्माण और जमीन की खरीद में करोड़ों का निवेश किया है। दरअसल ईडी को विश्वास है कि उन बिल्डरों को धन नक्सलियों के जरिये मिला है।
ईडी के पास है बड़े नक्सल नेताओं की सूची
बिहार पुलिस ने कई बड़े नक्सल नेताओं की सूची ईडी को सौंपी है। इसमें बिहार का सबसे बड़ा नक्सली नेता अरविंद जी उर्फ देव जी भी शामिल है। देव जी प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी का सदस्य है।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज
गया के संदीप यादव, प्रद्युम्न शर्मा, मुसाफिर सहनी, उत्तरी बिहार का माओवादी कमांडर विजय यादव उर्फ मुराद जी, झारखंड के हजारीबाग का चिराग दा उर्फ रामचंद्र महतो, वशीर दा उर्फ सिंह जी, माओवादियों के गुरिल्ला दस्ते का कमांडर लाल मोहन यादव, स्पेशल प्लाटून कमांडर मनोज हांसदा व बाबूराम उर्फ राजन जी की संपत्ति की जांच हो रही है। ईडी इन सभी नक्सली नेताओं के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर चुका है।
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