Mango Festival: 'हाथी झूल' और 'अंगूर लता' ने चौंकाया, 'मोदी आम' भी खूब भाया; कई और विशेष किस्में
दिल्ली में आम महोत्सव में विभिन्न प्रकार के आमों ने दर्शकों को आकर्षित किया। उत्तराखंड के स्टाल पर अंगूर लता और हाथी झूल जैसे आम विशेष थे जिन्हें पंतनगर विश्वविद्यालय ने विकसित किया था। ‘पंत सिंदूरी’ और ‘अरुणिमा पंत’ जैसी किस्में मई से सितंबर तक उपलब्ध रहती हैं जिनमें कम मिठास होती है। लखनऊ के मोदी आम भी आकर्षण का केंद्र रहे जो प्रधानमंत्री मोदी को समर्पित हैं।

जागरण, दक्षिणी दिल्ली। आम महोत्सव में ना सिर्फ आमों ने अनूठे स्वाद से लोगों को लुभाया, बल्कि अटपटे नामों, अजीब आकारों और खास किस्मों के साथ भी आकर्षित किया। उत्तराखंड के स्टाल पर एक तरफ 20 ग्राम वजनी ''अंगूर लता'', तो दूसरी ओर पांच किलो के ''हाथी झूल'' ने खूब ध्यान खींचा।
ये दोनों किस्में न सिर्फ अपने वजन और आकार, बल्कि वैज्ञानिक शोध प्रक्रिया का हिस्सा होने के चलते भी खास थीं। इन्हें उत्तराखंड के जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर की ओर से विकसित किया गया था। इसका मकसद पहाड़ों में किसानों को जलवायु के अनुकूल और बेहतर उत्पादकता वाली फसलों के विकल्प देना है।
मई से लेकर सितंबर तक उगाए जा रहे आम
पंतनगर विश्वविद्यालय के स्टाल पर आम की कई और विशेष किस्में थीं। इनमें शोध के तहत विकसित की जा रही ‘पंत सिंदूरी’ और ‘अरुणिमा पंत’ खास थे। ‘पंत सिंदूरी’ गर्मियों में सबसे पहले तैयार होने वाली किस्म है, जोकि मई के दूसरे सप्ताह तक तैयार होती है, जबकि ‘अरुणिमा पंत’ सबसे अंत में सितंबर तक तैयार होती है।
विश्वविद्यालय की ओर से शोध के तहत इन्हें उगाने का उद्देश्य है कि आम की उपलब्धता की अवधि को बढ़ाया जा सके। जिससे ना सिर्फ किसानों को आर्थिक लाभ मिले, बल्कि आम प्रेमियों को लंबे समय तक आम का स्वाद भी मिले। खासियत ये भी है कि दोनों किस्मों में मिठास कम होने से शूगर के मरीज भी इनका स्वाद ले सकते हैं।
इनके अलावा पंत चंद्रा, पंत आटम, सेंसेशन, नासपाती, गुलाब खास ग्रीन, कौशल खास, मजनू, सोनपरी, अनानास, अम्बिका, ब्राइड आफ रशिया आदि किस्में भी उपलब्ध थीं।
लखनऊ के मोदी आम भी खास
महोत्सव में लखनऊ मलिहाबाद के आम भी खूब छाए रहे। कदीम चंदन नर्सरी की ओर से लगाए गए स्टाल पर मोदी आम ने सभी का ध्यान खींचा। शादाब अली ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए जा रहे बेहतरीन कार्यों को देखते हुए ये खास प्रजाति ''मोदी मैंगो'' उन्हें समर्पित है। फिलहाल ये बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है, सिर्फ प्रदर्शनी के लिए उगा रहे हैं। इसके अलावा आम महोत्सव के लिए खास मक्खन आम लाए हैं, जोकि बेहद छोटा और मीठा है।
विश्वविद्यालय में करीब 263 किस्मों के आम उगाए जा रहे हैं, इनमें वाणिज्यिक, हाईब्रिड और शोध आधारित किस्में शामिल हैं। खास प्रजातियों को उगाने का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा व शोध के मौके देना और पहाड़ी इलाकों में आम की फसलों में सुधार करना है। अंगूर लता आम 20 से 25 ग्राम के उगते हैं, जबकि हाथी झूल चार से पांच किलों तक उगाए जाते हैं। पंत विशेष किस्मों के आकार, स्वाद और खासियत अलग-अलग हैं। - डा. वीके सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर, हार्टिकल्चर रिसर्च सेंटर, जीबी पंत विश्वविद्यालय
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