Bulldozer Action: दिल्ली के मद्रासी कैंप पर चलेगा बुलडोजर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद हरकत में लोग
दिल्ली हाईकोर्ट ने मद्रासी कैंप में सार्वजनिक भूमि पर किए गए अतिक्रमण को एक जून से ध्वस्त करने का आदेश दिया है। इसके साथ की अदालत ने निवासियों को अपने आदेश में बड़ी राहत भी दी है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी पुनर्वास के अलावा अन्य अधिकार का दावा नहीं कर सकता क्योंकि भूमि सार्वजनिक है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मद्रासी कैंप में सार्वजनिक भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया है। यह प्रक्रिया एक जून से शुरू होगी। साथ ही निवासियों के पुनर्वास (Rehabilitation) के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि ध्वस्तीकरण व्यवस्थित तरीके से होना चाहिए, लेकिन बारापुला नाले को जाम मुक्त करने के लिए मद्रासी कैंप निवासियों का पुनर्वास भी आवश्यक है।
कोर्ट ने कहा कि कोई भी निवासी पुनर्वास के अधिकार से परे किसी भी अधिकार का दावा नहीं कर सकता है, क्योंकि यह सार्वजनिक भूमि है और इस पर लोगों ने अतिक्रमण किया है।
पुनर्वास के लिए 10 से 12 मई तक दो शिविर लगाए जाएंगे
अदालत ने निर्देश दिया कि पुनर्वास के लिए DDA, MCD, DUSIB, PWD और दिल्ली सरकार 10 से 12 मई तक दो शिविर लगाएंगे। एक शिविर नरेला फ्लैटों के कब्जे पत्र सौंपने के लिए होगा और दूसरा शिविर आवश्यकता पड़ने पर ऋण स्वीकृत करने के लिए होगा।
पीठ ने कहा कि मद्रासी कैंप के निवासियों को कानून की कार्यवाही के बारे में पूरी जानकारी है, क्योंकि उनमें से अधिकांश ने पुनर्वास (Rehabilitation) के पात्रता का मूल्यांकन के सर्वे में भाग लिया था। सितंबर 2024 से ही ध्वस्तीकरण स्थगित रखा गया था।
अदालत ने कहा कि यदि कैंप में कोई निवासी रह गया है तो सर्वे किया जाएगा और उक्त निवासी डूसिब द्वारा अपनी पात्रता निर्धारित करवा सकते हैं। पीठ ने कहा कि आने वाले माॅनसून को देखते हुए मद्रासी कैंप के निवासियों का नरेला में पुनर्वास अत्यंत आवश्यक और महत्वपूर्ण है।
जलभराव रोकने को बारापुला नाले की समय पर सफाई बेहद जरूरी
कोर्ट ने कहा कि आसपास के इलाकों में गंभीर जलभराव रोकने के लिए बारापुला नाले की समय पर सफाई जरूरी है। अदालत ने उक्त निर्देश यमुना नदी में गिरने वाले कई नालों पर अनधिकृत अतिक्रमण किए जाने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
सुनवाई के दौरान मद्रासी कैंप में बारापुला नाले के किनारे अवैध निर्माण पाया गया। अदालत ने नोट किया था कि कैंप नाले में रुकावट पैदा कर रहा था और इसके कारण माॅनसून के दौरान इलाकों में गंभीर जलभराव हो रहा था।

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