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    'आजीवन कारावास या मृत्युदंड का मामला नहीं बनता', भारतीय उच्चायोग पर हमले मामले में दिल्ली की अदालत ने सुनाया ये फैसला

    By Ritika Mishra Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 04 Feb 2025 07:36 PM (IST)

    पटियाला हाउस स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मार्च 2023 में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले से संबंधित मामले में लंदन निवासी को जमानत दे दी है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने कहा कि एनआईए हाउंसलो पश्चिमी लंदन निवासी इंद्रपाल सिंह गाबा गाबा का 19 मार्च 2023 की घटना से कोई संबंध स्थापित नहीं कर पाई है।

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    पटियाला हाउस स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने एक मामले में लंदन निवासी को जमानत दे दी

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मार्च 2023 में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले से संबंधित मामले में लंदन निवासी को जमानत दे दी है।

    प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने कहा कि एनआईए हाउंसलो, पश्चिमी लंदन निवासी इंद्रपाल सिंह गाबा गाबा का 19 मार्च 2023 की घटना से कोई संबंध स्थापित नहीं कर पाई है।

    कोई सबूत नहीं मिला

    उन्होंने कहा कि वह न तो मौके पर मौजूद था और न ही वह प्रदर्शन के लिए कोई व्यवस्था करने में शामिल था और इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं दिखाया जा सका कि वह 19 मार्च 2023 या 22 मार्च 2023 को प्रदर्शन आयोजित करने की साजिश का हिस्सा था।

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    अदालत ने कहा कि यदि 22 मार्च 2023 की घटना पर आरोप सही साबित भी हो जाते हैं तो भी आजीवन कारावास या मृत्युदंड का मामला नहीं बनता है। अदालत ने कहा कि आरोपी एक साफ-सुथरी पृष्ठभूमि वाला युवक है, इसलिए 19 मार्च 2023 की घटना में उसकी संलिप्तता या संलिप्तता किसी भी तरह से नहीं दिखाई जा सकती।

    राष्ट्रीय सम्मान का अपमान

    कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सम्मान का अपमान करना उनके खिलाफ गंभीर आरोप है, लेकिन गाबा पर हिंसा का आरोप नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के सेलफोन की फोटो गैलरी में मिली तस्वीर के अलावा न तो ऐसी कोई राइफल बरामद हुई और न ही यह निर्णायक रूप से कहा जा सकता है कि वह एके 47 राइफल थी या डमी। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत असामान्य बात नहीं है कि लोग हर तरह की चीजों के साथ फोटो खिंचवाते हैं।

    एके 47 राइफल के साथ दिखाई दिए आरोपित

    एनआईए की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि दोनों घटनाओं का नेतृत्व और योजना एक ही समूह के लोगों ने की थी। एनआईए ने एक तस्वीर का हवाला दिया जिसमें गाबा एके 47 राइफल के साथ पोज देते हुए दिखाई दे रहा है और दावा किया कि यह उसकी प्रवृत्ति को दर्शाता है।

    2024 में हुई थी गिरफ्तारी

    गाबा को 9 दिसंबर, 2023 को अटारी सीमा पर अधिकारियों ने हिरासत में लिया था, जब वह लंदन से पाकिस्तान के रास्ते आ रहा था। बाद में, उसे 25 अप्रैल, 2024 को कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम और आईपीसी के तहत गिरफ्तार किया गया।

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