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    'बताएं डेढ़ करोड़ किससे लिए', केजरीवाल के बाद अब मनीष सिसोदिया पर हमला; जानें पूरा मामला

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 01:21 PM (IST)

    दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन के साथ प्रत्याशियों द्वारा दी गई संपत्ति की जानकारी पर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा ने पहले अरविंद केजरीवाल की संपत्ति पर सवाल उठाए थे अब मनीष सिसोदिया द्वारा निजी व्यक्तियों से लिए गए डेढ़ करोड़ से अधिक के ऋण पर जांच की मांग की है। क्या है पूरा मामला जानिए इस लेख में।

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    मनीष सिसोदिया बताएं, शराब मंत्री रहते हुए उन्होंने किससे लिए डेढ़ करोड़ः सचदेवा। फाइल फोटो

     राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रत्याशियों द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से दी गई संपत्ति की जानकारी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा ने पहले पूर्व मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की संपत्ति को लेकर प्रश्न उठाए थे।

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    अब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा निजी व्यक्तियों से लिए गए डेढ़ करोड़ से अधिक के ऋण पर प्रश्न उठाते हुए जांच की मांग की गई है। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा नामांकन के साथ दिए गए शपथ पत्र के अनुसार कोरोना संकट के समय उनकी आय 40 गुना बढ़ गई है। भाजपा ने दो दिन पहले उनसे इसका जवाब देने की मांग की थी। लेकिन, वह चुप हैं।

    ऋण देने वालों की हो जांच-भाजपा

    अब पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) द्वारा नामांकन के समय दी गई जानकारी पर भी प्रश्न खड़े होते हैं। उन्होंने अपने पुत्र की पढ़ाई के लिए किसी बैंक, वित्तीय संस्थान से ऋण लेने की जगह अपने तीन मित्रों रोमेश चंद्र, दीपाली और गुणित अरोड़ा डेढ़ करोड़ से अधिक लिए हैं। शपथ पत्र में किन ऋण की शर्तों की जानकारी नहीं दी गई है।

    आबकारी नीति बनाकर शराब घोटाला करते समय यह पैसे लिए गए हैं। उस समय के शराब मंत्री को कैसे लोग व्यक्तिगत ऋण देते हैं इसकी जांच होनी चाहिए। ऋण देने वालों की जांच होनी चाहिए।

    सांसद बांसुरी स्वराज ने भी साधा निशाना

    यह भी प्रश्न उठता है कि उन्होंने किसी सरकारी योजना का लाभ लेने या किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से ऋण क्यों नहीं लिया? उस समय सिसोदिया संवैधानिक पद पर बैठे थे इसलिए उन्हें ऋण के बारे में जानकारी देनी होगी।

    नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) ने कहा, सार्वजनिक जीवन में होने के बाद किसी के लिए कुछ भी व्यक्तिगत नहीं रह जाता है। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की जनता के प्रति जवाबदेही बनती है। सिसोदिया को बताना चाहिए डेढ़ करोड़ से अधिक ऋण लेने वालों से उनके क्या संबंध हैं? जब शराब नीति बना रहे थे उसी समय पैसे लिए गए? क्या यह ऋण सही है?

    उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है जिससे देश के 48.6 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा। 67.8 पेंशनभोगियों को लाभ होगा। दिल्ली में चार लाख से अधिक कर्मचारियों को इससे लाभ होगा। यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है। इसके कारण 92 प्रतिशत तक वेतन में वृद्धि होगी। महंगाई भत्ता, मकान खरीदना आसान होगा।

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