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    फिल्मी कहानी जैसी जिंदगी, कनाडा तक फैला क्राइम का साम्राज्य... क्या लॉरेंस गैंग का होने वाला है अंत?

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 07:47 PM (IST)

    कनाडा सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग को आतंकवादी घोषित कर दिया है। अब कनाडा में बिश्नोई गैंग की संपत्ति जब्त की जा सकती है। गैंग पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गैंग कई हत्याओं और आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है जिसका नेटवर्क भारत कनाडा और अन्य देशों में भी फैला है। जेल में होने के बावजूद बिश्नोई मोबाइल फोन के माध्यम से अपने गैंग को चलाता है।

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    लॉरेंस बिश्नोई जेल में होने के बावजूद चलता है अपराध की दुनिया।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुनाहों की दुनिया अब सिर्फ फिल्मी कहानियों तक सीमित नहीं रही।भारत की जेल से चल रहा अपराध का साम्राज्य कनाडा तक फैला है और उसके केंद्र में है कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग।

    अब इस गैंग को कनाडा ने आतंकवादी घोषित कर दिया है। इसका मतलब है, उनका हर धन, हर वाहन, हर रियल एस्टेट… अब कनाडा में फ्रीज या जब्त किया जा सकता है।

    कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने साफ कर दिया है कि हिंसा और आतंक की कनाडा में कोई जगह नहीं है। जो लोग किसी समुदाय को डर और दहशत में जीने को मजबूर करते हैं, उन पर अब कोई रहम नहीं होगा। 

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    बिश्नोई गैंग के काले कारनामे

    लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग का नाम कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं और आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा है। इनमें सबसे प्रमुख हैं:

    • सिद्धू मूसे वाला (May 2022): पंजाबी गायक की हत्या ने बिश्नोई गैंग को अंतरराष्ट्रीय रूप से स्थापित कर दिया।
    • सुखदेव गोगामेड़ी (December 2023): राजपूत नेता की हत्या।
    • बाबा सिद्दीकी (October 2024): महाराष्ट्र में राज नेता की हत्या।
    • हरदीप निज्जर (June 2023): खालिस्तान समर्थक आतंकी की कनाडा में हत्या, जिसने भारत-कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव पैदा किया।
    • सलमान खान के घर पर फायरिंग (April 2023): मुंबई बॉलीवुड सुपरस्टार के घर के बाहर गोलीबारी।
    • कपिल शर्मा के रेस्तरां पर हमला (August 2025): कनाडा में इस वारदात ने गैंग की अंतरराष्ट्रीय पहुंच को साबित किया।
    • नादिर शाह (September 2024): दिल्ली में अफगानी मूल के जिम मालिक की हत्या, जिसने 5 करोड़ रुपये की रंगदारी देने से इनकार किया था।

    इन घटनाओं से साफ है कि बिश्नोई गैंग केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कनाडा और अन्य देशों तक फैला हुआ है।

    लॉरेंस बिश्नोई: अपराध का सरदार

    • लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 1993 में पंजाब के अबोहर के पास एक छोटे गांव में हुआ। उनके पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे और उनके पास 100 एकड़ से अधिक कृषि भूमि भी थी। एक सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला बिश्नोई युवा अवस्था में छात्र राजनीति और अपराध की दुनिया में आ गया।
    • 2010 के आसपास, जब वह चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा था, तब उसकी मुलाकात गोल्डी बराड़ से हुई। बराड़ बिश्नोई का लंबा समय तक विश्वासपात्र और कनाडा ऑपरेशन मैनेजर बना। दोनों का जुड़ाव कई हत्याओं और आपराधिक मामलों से जुड़ा।

    जेल में होने के बावजूद चलता है अपराध की दुनिया

    • लॉरेंस बिश्नोई जेल में बंद है। अगस्त 2023 में गुजरात पुलिस ने उसे 195 करोड़ रुपये की ड्रग तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था।
    • जेल में बंद होने के बावजूद उसका गैंग सक्रिय है। बिश्नोई मोबाइल फोन और एन्क्रिप्टेड एप्स (जैसे Signal) का इस्तेमाल करके अपने गुर्गों से संपर्क करता है। मोबाइल जेल में बैन होते हैं, लेकिन बिश्नोई के पास मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के अपने साधन हैं।
    • गैंग ने वीपीएन नेटवर्क का भी इस्तेमाल करता, ताकि किसी को पता न चले कि आदेश जेल से भेजे जा रहे हैं। इस तरह बिश्नोई अपने अपराध से दूरी बनाए रखता है, जबकि सूत्रों के मुताबिक गैंग के 700 हत्यारे उसके आदेश पर काम करते हैं।

    क्राइम सिंडीकेट की तरह काम करता है बिश्नोई गैंग

    बिश्नोई गैंग किसी इंटरनेशनल क्राइम सिंडिकेट की तरह चलाया जाता है। इसमें अलग-अलग यूनिट हैं।

    • लॉजिस्टिक्स यूनिट: अपराध के लिए जरूरी सामान और संसाधन जुटाती है।
    • लीगल यूनिट: कानूनी मामलों और गिरफ्तारी के जोखिम को संभालती है।
    • इंटेलिजेंस यूनिट: पुलिस और प्रतिद्वंद्वियों की गतिविधियों पर नजर रखती है।

    कनाडा की ओर से कार्रवाई का मतलब

    लॉरेंस बिश्नोई गैंग को कनाडा की सरकार की ओर से आतंकवादी संगठन घोषित करने का मतलब है कि अब बिश्नोई गैंग की कनाडा में कोई भी संपत्ति जब्त की जा सकती है।

    गैंग के सदस्यों को कनाडा में प्रवेश से रोका जा सकता है। अपराधियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग समेत कई मामलों में कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। 

    छोटे भाई की गिरफ्तारी पर गोल्डी बराड़ से दूरी

    गैंग का कनाडा ऑपरेशन गोल्डी बराड़ संभालता था, लेकिन 2024 में बिश्नोई और बराड़ के बीच मतभेद हो गए।

    वजह थी लॉरेंस का छोटा भाई अनमोल, जिसे नवंबर 2024 में अमेरिका में अवैध प्रवेश करने पर गिरफ्तार किया गया। लॉरेंस का मानना था कि बराड़ ने अनमोल की मदद नहीं की।

    क्या बिश्नोई का खेल खत्म हो रहा है?

    कनाडा और भारत की एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई से संकेत साफ हैं कि वे गैंग पर लगाम लगाने के लिए तत्पर हैं। हालांकि लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क सक्रिय है। कड़ी और निरंतर कार्रवाई इस गैंग पर कितना काबू कर पाएगी, यह तो समय ही बताएगा।

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