जमीन के सौदे में 95 लाख का चूना लगाने के बाद बन गया 'बाबा', दिल्ली क्राइम ब्रांच ने हरिद्वार से किया गिरफ्तार
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद के धर्मेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार किया है जो जमीन के सौदे में 95 लाख की ठगी के बाद हरिद्वार में बाबा बन कर रह रहा था। 2015 में उसने एक व्यक्ति से गाजियाबाद में जमीन बेचने का सौदा किया और 95 लाख रुपये लिए। बाद में उसने संपत्ति पर कब्जा नहीं दिया और पैसे वापस करने के बजाय धमकी दी। उसे हरिद्वार से गिरफ्तार किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: जमीन के मामले में 95 लाख रुपये की ठगी करने के बाद हरिद्वार के एक आश्रम में बाबा बन चुके धोखेबाज को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।
लक्ष्मी नगर में 2023 में हुई धोखाधड़ी के मामले में यह आरोपित वांछित था। इस मामले में कोर्ट ने उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर रखा था।
अपने परिवार से नाता तोड़कर उसने हरिद्वार में समाजसेवी के रूप में नया जीवन जीना शुरू कर दिया था। डीसीपी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपित धर्मेंद्र अग्रवाल गाजियाबाद का है।
बालेश जैन ने लक्ष्मी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि नवंबर 2015 में धर्मेंद्र अग्रवाल ने उनसे संपर्क कर दावा किया कि कहा कि प्रताप विहार में एक आवासीय भूखंड का मालिक है।
उसने उस संपत्ति बेचने की इच्छा जाहिर की। बातचीत के बाद शिकायतकर्ता और आरोपित के बीच 1.5 करोड़ में संपत्ति बेचने की डील हुई।
शिकायतकर्ता ने तीन चेकों के माध्यम से 95 लाख का भुगतान कर दिया। जिसके बाद 23 मई 2016 को आरोपित ने एसडीएम कोर्ट, प्रीत विहार में बिक्री समझौता किया।
जिसमें शेष 10 लाख का भुगतान 31 दिसंबर 2019 को या उससे पहले कब्जा सौंपने के दौरान देने की बात हुई थी।
आरोपित ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया कि संपत्ति सभी प्रकार के भारों से मुक्त है। यह भी सहमति बनी थी कि भुगतान न करने की स्थिति में शिकायतकर्ता दोगुनी बयाना राशि देगा।
लेकिन, 95 लाख लौटाने के बजाय आरोपित ने उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया था। जिस पर 26 जुलाई 2023 को लक्ष्मी नगर थाने में ममला दर्ज करवा दिया गया।
पुलिस ने धर्मेंद्र अग्रवाल को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन कई नोटिस भेजने के बाद भी वह जांच में शामिल नहीं हुआ। 15 जुलाई 2025 को उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
क्राइम ब्रांच को फरार आरोपित को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद धर्मेंद्र अग्रवाल को बैरागी कैंप हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार अपना रूप, पता और मोबाइल नंबर बदल रहा था। उसने गाजियाबाद से ही स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।
वह प्रताप विहार, गाजियाबाद में पहले किराना की दुकान चलाता था। कुछ वर्ष बाद उसने गाजियाबाद में एक आभूषण की दुकान खोली।
शिकायतकर्ता को धोखा देने के बाद उसने सारा पैसा खर्च कर दिया और हरिद्वार के बैरागी कैंप स्थित एक आश्रम में परोपकारी व्यक्ति का भेष धारण करके रहने लगा था।
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